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"रिश्तों में प्यार की असली पहचान: पति की जिम्मेदारियों पर एक नजर"
राष्ट्रिय समाचार

पति की अनकही मेहनत और पत्नी की अदृश्य सराहना: एक बुजुर्ग की कहानी

“रिश्तों की गहराई: पति की जिम्मेदारियों की सच्चाई”

“पति के प्यार और बलिदान की अनदेखी: एक बुजुर्ग की सीख”

“सच्चे प्रेम का मूल्य: एक पति के योगदान की अनकही सच्चाई”

एक स्त्री बगीचे में बहुत गुस्से में बैठी थी। पास एक बुजुर्ग बैठे थे। उन्होंने उस स्त्री से पूछा, “क्या हुआ बेटी? क्यों इतनी परेशान हो?”

स्त्री ने गुस्से में अपने पति की गलतियों के बारे में बताया। बुजुर्ग ने मुस्कुराते हुए औरत से पूछा, “बेटी, क्या तुम मुझे बता सकती हो कि तुम्हारे घर का करता-धर्ता कौन है?”

औरत ने आश्चर्य से पूछा, “क्या मतलब?”

बुजुर्ग ने कहा, “तुम्हारे घर की सारी जरूरतों का ध्यान रखकर उन्हें पूरा कौन करता है?”

स्त्री ने कहा, “मेरे पति।”

बुजुर्ग ने फिर पूछा, “तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को किसी बात की कमी न हो और तुम सबका भविष्य सुरक्षित रहे, इसके लिए हमेशा चिंतित कौन रहता है?”

स्त्री ने जवाब दिया, “मेरे पति।”

बुजुर्ग ने फिर पूछा, “सुबह से शाम तक कुछ रूपयों के लिए बाहर वालों और अपने अधिकारियों की खरी-खोटी कौन सुनता है?”

स्त्री ने कहा, “मेरे पति।”

बुजुर्ग ने पूछा, “परेशानी और ग़म में कौन साथ देता है?”

स्त्री ने कहा, “मेरे पति।”

बुजुर्ग बोले, “तुम लोगों के अच्छे जीवन और रहन-सहन के लिए दूर रिश्तेदारों से संबंध बनाए रखने और घर से दूर नौकरी करने को कौन तैयार रहता है?”

स्त्री ने कहा, “मेरे पति।”

बुजुर्ग ने कहा, “पानी, मकान की मरम्मत एवं रखरखाव, सुख-सुविधाएं, दवाइयां, किराना, मनोरंजन, बैंक, बीमा, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पास-पड़ोस, ऑफिस, और ऐसी ही न जाने कितनी सारी जिम्मेदारियों को एक साथ कौन निभाता है?”

स्त्री ने कहा, “मेरे पति।”

बुजुर्ग ने पूछा, “बीमारी में तुम्हारा ध्यान कौन रखता है?”

स्त्री ने कहा, “मेरे पति।”

बुजुर्ग बोले, “एक बात और बताओ, तुम्हारा पति इतना सब कुछ करता है, क्या उसने कभी तुमसे इसके लिए पैसे मांगे?”

स्त्री ने कहा, “कभी नहीं।”

इस पर बुजुर्ग ने कहा, “इतनी सारी अच्छाइयां तुम्हें कभी नजर नहीं आईं? आखिर पत्नी के लिए पति क्यों जरूरी है? मानो या न मानो, जब तुम दुखी होती हो तो वह तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। वह अपने दुख अपने ही मन में रखता है, ताकि तुम दुखी न हो। हर वक्त, हर दिन तुम्हें कुछ अच्छी बातें सिखाने की कोशिश करता रहता है, ताकि वह कुछ समय शांति के साथ घर पर बिता सके और दिन भर की परेशानियों को भूल सके। हर छोटी-छोटी बात पर तुमसे झगड़ा तो कर सकता है, तुम्हें दो बातें भी बोल सकता है, लेकिन किसी और को तुम्हारे लिए कभी कुछ नहीं बोलने देगा।”🙏🏿

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