“रंगों की मिलावट और भावनाओं की अभिव्यक्ति: एक पत्र”
“तुम्हारे मौन का अर्थ और मेरे दिल की स्थिति”
“अनहद प्रेम और उसकी पीड़ा: एक मन की कहानी”
“भावनात्मक रंगों की दुनिया: तुम्हारे बिना जीवन की सच्चाई”
आज मुझे तुम्हारे साथ संवाद करने की अत्यधिक इच्छा हो रही है। मैं नहीं जानती कहाँ से शुरू करूँ, लेकिन आज रंगों की मिलावट की बात याद आ रही है। दो अलग-अलग रंग मिलकर एक नया रंग बनाते हैं, और चाहे कितनी भी रसायन शास्त्रीय प्रक्रियाएँ कर लें, मूल रंग कभी वापस नहीं मिल सकते। मेरे मन की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। एक बार जब मैंने तुम्हारे साथ भावनात्मक संबंध साझा किया और तुम्हें चाहा, तो अब मैं वापस अपनी पुरानी स्थिति में नहीं लौट सकती।
मैंने अपनी सारी भावनाएँ और व्यक्तित्व तुम्हारे अंदर मिला दी हैं। अगर तुम अब कहोगे कि मैं अपनी पुरानी स्थिति में लौट आऊं, तो यह मेरे लिए संभव नहीं है। एक बार तुम्हारे प्रेम में रंग जाने के बाद, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। हाँ, मैं शायद जीवित रहूँगी, लेकिन यह केवल मेरे शरीर का अस्तित्व होगा, मेरी आत्मा का नहीं। जीवन चलता रहेगा, और मैं श्वास तो लूँगी ही, लेकिन वे श्वास कृत्रिम होंगे। मुझे मृत्यु तक इस कृत्रिमता की पीड़ा सहनी पड़ेगी। मुझे लगता है कि तुम्हें यह सब पता है और तुम इसे स्वीकार कर चुके हो, क्योंकि तुम अनहद के अवतार हो।
अगर मैं कभी तुमसे झगड़ूं या नाराजगी जताऊं, तो यह मेरा अधिकार है। लेकिन तुम्हारा मौन अब मुझे बहुत बेचैन कर रहा है। मुझे लगता है कि यह मौन गहरी समझ से भरा हुआ है, लेकिन शायद अब यह प्रेम की बात नहीं रही।
तो क्या करूँ, तुम्हारे इस मौन का अर्थ समझने के लिए?