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"माँ की बुद्धिमत्ता: ज़हर नहीं, रिश्तों की कड़वाहट को बदलने का तरीका"
लाइफस्टाइल

रिश्ते की कड़वाहट और उसकी सच्चाई: एक मां की सीख

“प्यार का जादू: ज़हर नहीं, रिश्ते का समाधान”
“रिश्तों में ज़हर की असली पहचान: एक माँ की कहानी”
“खोया हुआ प्यार कैसे लौटता है: एक माँ और बेटी की कहानी”
एक शादीशुदा लड़की गुस्से से अपने मायके आई और अपनी मां से बोली, “मां, मैं अब अपने पति को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं कर सकती। रोज-रोज के झगड़ों से तंग आ गई हूं। मेरा दिल करता है उसे मार डालूं, लेकिन कानून से डरती हूं। मेरी भी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”

मां ने कहा, “यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। मैं तुम्हें ज़हर की पुड़िया देती हूं। यह धीरे-धीरे काम करता है। रोज इसे थोड़ा-थोड़ा अपने पति के खाने में मिलाते रहना। हां, एक बात का ख्याल रखना कि खाना स्वादिष्ट होना चाहिए ताकि तुम्हारे पति को शक न हो। और एक बात का खास ध्यान रखना कि तुम्हारे घर में रोज झगड़ा होता है। तुम्हारे परिवार वाले यह बात जानते हैं कि तुम दोनों पति-पत्नी का रिश्ता ठीक नहीं चल रहा है। अगर तुम्हारा पति मर जाएगा तो तुम पर ही शक जाएगा। इसलिए कुछ दिनों के लिए घर का वातावरण बदल दो। घर में शांति रखो, पति के साथ प्रेम से रहो, उससे प्रेम से बात करो, बेवजह उससे उलझो नहीं, और किसी बात की जिद न करो। वह बेचारा तो कुछ दिनों का ही मेहमान है। उस पर शक न करो और पति से बात करते समय आवाज में भी नरमी रखो ताकि तुम्हारे परिवार वालों को यह शक न हो कि पति की मृत्यु में तुम्हारा हाथ है।”

लड़की ने मां की बात मान ली और पुड़िया लेकर खुशी-खुशी अपने घर चली आई। एक महीने बाद वह रोती-बिलखती अपने मायके गई और जाते ही मां के पैरों पर गिर गई। हाथ जोड़कर मां से कहने लगी, “मां, मैं अपने पति के खाने में ज़हर मिला रही थी और जिन बातों का ख्याल रखने के लिए आपने कहा था वह भी कर रही थी, लेकिन मेरा पति बिल्कुल बदल गया है। वह मुझसे ठीक से बात नहीं करता था, अब ऑफिस से चार-पांच बार फोन करता है और मुझसे पूछता है कि मैंने खाना खाया या नहीं, कुछ ज्यादा है क्या? अपना ख्याल रखा करो, थोड़ा आराम करो। वह मेरा बहुत ख्याल रखता है, मुझसे बहुत प्रेम करता है। अब कल ही मेरे जन्मदिन पर मुझे आईफोन गिफ्ट किया। कहने लगा, ‘जानू, तुम बहुत दिनों से मुझसे आईफोन मांग रही थी, मेरे पास पैसे नहीं थे इसलिए मैं चुप था। और मैं तुम्हें सरप्राइज देना चाहता था इसलिए थोड़े-थोड़े पैसे जमा कर रहा था और कुछ उधार निकाल कर आज तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें आईफोन का तोहफा दे रहा हूं।’ उसकी बातें सुनकर, उसका प्रेम देखकर, मैं बहुत शर्मिंदा हो गई कि मैं क्या कर रही हूं। अपने ही पति को अपने हाथों से मार रही हूं, जो मुझसे इतना प्यार करता है, मेरा इतना ख्याल रखता है। हमारा खोया हुआ प्यार वापस लौट आया है।”

मां ने हंसते हुए कहा, “बेटी, क्या मैं पागल हूं जो अपनी बेटी की बसी बसाई जिंदगी बर्बाद कर दूं? तुम चिंता न करो, तुम्हारे पति को कुछ नहीं होगा। वह ज़हर नहीं था। अगर पति-पत्नी के रिश्ते में ज़हर था तो वह तुम्हारे बीच की कड़वाहट, शक, गुस्सा, और असहनीयता थी, जो अब दूर हो गई है।

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