Jansansar
Heartfelt feelings and responsibility: The story of Anu's decision
धर्म

दिल की बात और जिम्मेदारी: अनु के फैसले की कहानी

प्रेम की जिम्मेदारी: अनु के जीवन का महत्वपूर्ण सबक

अनु का चेहरा उतरा हुआ था जब उसने अपने पिता से अपनी दिल की बात कही। उसने दृढ़ता से कहा, “मैं उसे ही अपना जीवनसाथी चुनूंगी, पापा। वरना…!” उसके शब्दों में इतनी गंभीरता थी कि उसके पिता एक पल के लिए सन्न रह गए। गहरी सांस लेकर उन्होंने खुद को संभाला और शांत स्वर में बोले, “ठीक है, बेटी। अगर तुम उसे इतना चाहती हो, तो मैं तुम्हारी इच्छा का सम्मान करूंगा। लेकिन उससे पहले, मैं चाहता हूँ कि हम दोनों मिलकर उसकी परीक्षा लें। अगर वह इस परीक्षा में सफल होता है, तो तुम्हारी शादी उससे ही होगी। कहो, क्या तुम इसके लिए तैयार हो?”

अनु की आंखों में चमक आ गई। वह उत्साह से बोली, “हां, पापा! मुझे पूरा यकीन है कि अमन हर परीक्षा में सफल होगा। आप उसे नहीं जानते, लेकिन मैं जानती हूं कि वह सबसे अच्छा जीवनसाथी है।”
अगले दिन, जब अनु कॉलेज में अमन से मिली, तो उसका चेहरा उदास था। अमन ने उसे देखा और मुस्कुराते हुए बोला, “क्या हुआ, जान? इतना उदास क्यों हो? तुम मुस्कुरा दो वरना मैं अपनी जान दे दूंगा।”
अनु ने झुंझलाते हुए कहा, “अमन, मजाक छोड़ो। पापा ने हमारे विवाह के लिए मना कर दिया है। अब क्या होगा?”
अमन ने अपनी usual मस्तीभरी अंदाज़ में हवा में बात उड़ाते हुए कहा, “अरे होगा क्या, हम घर से भाग जाएंगे और कोर्ट मैरिज कर लेंगे। फिर वापस आ जाएंगे, सपनों को सच करने के लिए!”
अनु ने उसे बीच में टोकते हुए पूछा, “लेकिन इसके लिए तो पैसों की जरूरत होगी। क्या तुम मैनेज कर लोगे?”
अमन ने थोड़ा लापरवाही से जवाब दिया, “ओह, बस यही दिक्कत है। मैं तुम्हारे लिए जान दे सकता हूँ, पर इस वक्त मेरे पास पैसे नहीं हैं। हो सकता है, घर से भागने के बाद हमें कहीं होटल में छिपकर रहना पड़े। तुम ऐसा करो, जो भी चाँदी, सोना, नकदी तुम्हारे घर में है, उसे ले आना। वैसे मैं भी कुछ इंतजाम करूंगा। कल तुम घर से यह कहकर आना कि कॉलेज जा रही हो, और फिर हम यहां से भाग जाएंगे।”
अनु ने भोली बनते हुए कहा, “लेकिन इससे तो मेरी और मेरे परिवार की बहुत बदनामी होगी।”
अमन ने लापरवाही से कहा, “बदनामी? वो तो होती रहती है। तुम इसकी परवाह मत करो।”
अमन अभी अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था कि अनु ने अचानक उसके गाल पर जोरदार तमाचा मार दिया। अमन अवाक रह गया। अनु गुस्से से बोली, “हर बात पर जान देने को तैयार बदतमीज! तुझे यह तक परवाह नहीं है कि जिससे तू प्यार करता है, उसकी और उसके परिवार की समाज में बदनामी हो जाए। तू प्रेम का दावा करता है, लेकिन तू यह समझता भी है कि प्यार सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है? तुझे क्या लगता है, मैं अपने पिता की इज्जत की धज्जियां उड़ा कर तेरे साथ भाग जाऊंगी? क्या तुझे यह भी नहीं पता कि मेरे भागने के बाद मेरे पिता पर क्या गुजरेगी?”
अमन हक्का-बक्का खड़ा रहा, उसके पास अनु की बातों का कोई जवाब नहीं था। अनु ने आगे कहा, “अगर मैं अपनी पिता की इज्जत नीलाम कर दूं, तो क्या समाज और ससुराल में मेरी इज्जत बची रहेगी? क्या तब वे मुझे सिर माथे पर बिठाएंगे? क्या तब हमारे सपनों की दुनिया इस समाज से अलग होगी? हम रहेंगे तो इसी समाज में। घर से भाग कर क्या आसमान में बस जाएंगे?”
अमन के चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। वह चुपचाप खड़ा था, जब पीछे से तालियों की आवाज आई। अमन ने मुड़कर देखा, तो सामने एक आदमी खड़ा था जिसे वह पहचान नहीं पाया। अनु ने तुरंत उस आदमी की ओर दौड़ लगाई और आंसू पोंछते हुए बोली, “पापा, आप बिल्कुल सही कह रहे थे। यह प्रेम नहीं, बल्कि एक जाल है, जिसमें फंसकर मुझ जैसी हजारों लड़कियां अपना जीवन बर्बाद कर डालती हैं।”
उसके पिता ने उसे गले से लगा लिया और उसके बालों को सहलाते हुए कहा, “बेटी, प्यार एक पवित्र बंधन है, लेकिन यह तभी सच्चा होता है जब उसमें विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी हो। हमें केवल अपने दिल की सुनने के बजाय, दिमाग का भी उपयोग करना चाहिए। जो व्यक्ति केवल अपने बारे में सोचता है और दूसरों की भावनाओं और इज्जत की परवाह नहीं करता, वह कभी भी सच्चा प्रेमी नहीं हो सकता।”
अनु ने अपने पिता की बातों को गहराई से समझा। उसने महसूस किया कि प्यार का मतलब सिर्फ किसी के साथ रहने की इच्छा नहीं होती, बल्कि उसके साथ एक जिम्मेदारी निभाने की भी होती है। उसने महसूस किया कि उसके पिता की सलाह ने उसे एक बड़ी गलती करने से बचा लिया था।
इस अनुभव ने अनु को सिखाया कि सच्चा प्यार वह होता है जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे के सम्मान और भावनाओं की कद्र करते हैं। प्यार एक जिम्मेदारी है, जो दोनों को एक-दूसरे के साथ खड़े होने और समाज में अपनी जगह बनाने के लिए प्रेरित करता है। अनु ने अपने पिता के साथ उस दिन जो कुछ सीखा, वह उसकी जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण सबक में से एक था।

Related posts

अग्रसेन महिला शाखा द्वारा विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरण

AD

प्रयागराज महाकुंभ 2025: बाबाओं की अनोखी दुनिया और यूट्यूबर्स की उलझन

AD

शिव कथा सूरत: पंडित प्रदीप मिश्रा का युवतियों के लिए कड़ा संदेश – लव जिहाद और धोखेबाज व्यक्तियों से सावधान रहें

AD

डॉ. आदित्य शुक्ला: ज्योतिषी जिन्होंने वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में क्रांति ला दी

AD

महिलाएं अपने आध्यात्मिक सफर में खुद को तलाश रही हैं

AD

महाकुंभ मेले में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की अनोखी पहल

AD

Leave a Comment