राजनीतिक मामलों में तीखी आलोचना और समर्थन
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर लगे 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटाने का निर्णय विवाद का विषय बन गया है। इस फैसले के प्रति विपक्षी दलों की तीखी आलोचना हुई है, जबकि संघ की तरफ से भी इसका प्रतिक्रियात्मक रूप से स्वागत किया गया है।
कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इस निर्णय को लेकर गंभीर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद, सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था, जो बाद में अच्छे आचरण के आश्वासन पर हटाया गया। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि इसके बावजूद भी RSS ने कभी नागपुर में तिरंगा नहीं फहराया। उन्होंने इसे सही निर्णय माना और 1966 में सरकारी कर्मचारियों पर लगाए गए प्रतिबंध को भी समर्थन दिया।
इस निर्णय ने राजनीतिक मामलों में गहरी खलबली पैदा की है। एक ओर, सरकार द्वारा यह विश्वास जताया गया है कि समय के साथ RSS ने समाजसेवा और राष्ट्रीय एकता में अपना योगदान दिया है, जबकि दूसरी ओर विपक्ष इसे राजनीतिक भावनाओं के आधार पर गंभीरता से लेता है। इस निर्णय ने भारतीय राजनीति में एक नया खंड खोल दिया है, जिसके परिणामस्वरूप राजनीतिक दलों के बीच विवाद और तीव्र बहस जारी है।