एक व्यक्ति ऑफिस में देर रात तक काम करने के बाद थका हारा घर पहुंचा। दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसका छोटा बेटा सोने की बजाय उसका इंतजार कर रहा है। अंदर घुसते ही उसके बेटे ने पूछा, “पापा, क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं?” पिता ने कहा, “हाँ, पूछो, क्या पूछना है?” बेटा बोला, “पापा, आप एक घंटे में कितना कमाते हैं?” पिता ने झुंझलाते हुए उत्तर दिया, “तुम्हें इससे क्या लेना-देना? तुम इतने बेकार के सवाल क्यों कर रहे हो?” बेटा बड़ी मासूमियत से बोला, “पापा, मैं तो बस जानना चाहता था। बताइए ना, आप एक घंटे में कितना कमाते हैं?” पिता ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा, “नहीं बताऊंगा, तुम जाकर सो जाओ।” यह सुनकर बेटा दुखी हो गया और अपने कमरे में चला गया। उसका पिता अभी भी गुस्से में था और सोच रहा था कि आखिर बेटे ने ऐसा क्यों पूछा। कुछ समय बाद उसका गुस्सा शांत हुआ और वह अपने बेटे के कमरे में गया।
पिता ने पूछा, “बेटा, क्या तुम सो गए?” बेटा बोला, “नहीं पापा। पापा, मैं सोच रहा था कि मैंने आपको बेवजह डांटा। दरअसल, दिन भर की मेहनत से मैं बहुत थक गया था, इसलिए तब तुम्हारे सवाल का जवाब नहीं दे पाया। मुझे माफ कर दो। वैसे, मैं एक घंटे में ₹100 कमाता हूं।” बेटा खुशी से बोला, “थैंक यू पापा।” बेटा खुशी से उठकर अपने अलमारी की तरफ गया और वहां से अपने गुल्लक को निकाल कर उसे तोड़ दिया। फिर उसने गुल्लक से ढेर सारे सिक्के निकाले और उन्हें गिनने लगा।
बेटा बोला, “मैं आपके साथ बैठकर खाना खाना चाहता हूं।” यह सुनते ही पिता की आंखों से आंसू आ गए। दोस्तों, इस जीवन में हम कई बार अपने आप को इतना व्यस्त कर लेते हैं कि हम उन लोगों के लिए समय ही नहीं निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत रखते हैं। इसलिए हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस व्यस्त जीवन में भी हम अपने मां-बाप, जीवन साथी, भाई-बहन, बच्चे और दोस्तों के लिए जितना हो सके समय निकालें।