Jansansar
The truth of relationships and the beginning of love
लाइफस्टाइल

रिश्तों की सच्चाई और प्यार की शुरुआत

15 अक्टूबर को घनश्याम और सुधा की शादी हुई। दोनों अनजान थे और शादी उनके परिवार वालों ने तय की थी। घनश्याम ने सुधा को पहली नजर में पसंद किया था, और सुधा ने भी हां कह दिया था। शादी धूमधाम से सम्पन्न हुई, और उनकी पहली रात का आगाज हुआ।

शादी की पहली रात को घनश्याम ने सुधा से गले लगने की कोशिश की, लेकिन सुधा ने उसे स्पष्ट रूप से बताया कि उसे घनश्याम पसंद नहीं है और वह उससे प्यार नहीं करती। सुधा ने कहा कि वह 2-3 महीने एडजस्ट करेगी और फिर डिवोर्स ले लेगी। यह सुनकर घनश्याम को गहरा धक्का लगा। उसने सुधा को समझाने की कोशिश की, लेकिन सुधा अपने निर्णय पर डटी रही।

घनश्याम ने सुधा से एक निवेदन किया: “जब तक मां-पापा यहाँ हैं, तुम यहीं रहोगी। वे चले जाएंगे, तब सब तुम्हारे मुताबिक होगा।” सुधा ने सहमति दे दी और दोनों ने इसी तरह दिन बिताना शुरू किया। हर रोज, दिखावे के लिए पति-पत्नी की तरह रहना, और घर के काम के साथ-साथ काम पर जाना उनका दिनचर्या बन गया।

सुधा का पैर एक दिन फिसलने से फ्रैक्चर हो गया। घनश्याम ने उसकी देखभाल का जिम्मा उठाया: हर रोज उसके पैर की मालिश करना, खाना बनाना, दवाई की याद दिलाना। घनश्याम ने सब कुछ दिल से किया। फिर भी, सुधा ने उसे कभी भी प्यार से नहीं पुकारा।

एक दिन, सुधा की सहेली आई। घनश्याम ने नाश्ता लाकर दिया और मार्केट से सामान लाने की बात कही। सुधा की सहेली ने देखा कि घनश्याम पूरी तरह से सुधा की देखभाल कर रहा है और उसने सुधा से कहा कि वह बहुत खुशनसीब है कि उसे ऐसा पति मिला है। सुधा ने अपनी सहेली की बातों को गहराई से सुना और धीरे-धीरे उसकी भावनाएं बदलने लगीं।

सुधा को एहसास होने लगा कि घनश्याम का प्यार सच्चा है। उसने महसूस किया कि वह उसकी परवाह करता है और उसकी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ता। सुधा का दिल बदल गया और उसने तय किया कि वह घनश्याम के साथ अपना जीवन बिताना चाहती है।

जब घनश्याम के माता-पिता ने गांव जाने की योजना बनाई, घनश्याम को चिंता थी कि सुधा कहीं चली न जाए। एक सुबह, सुधा ने घनश्याम को टिफिन, कपड़े, और नाश्ता तैयार किया और कहा कि घर पर जल्दी आना।

घनश्याम ने शाम को घर आकर देखा कि सुधा ने सब काम निपटाकर रखे थे। सुधा ने चाय भी बनाई और घनश्याम से प्यार भरी बात की। घनश्याम ने धीरे से सुधा से पूछा कि क्या उसने फैसला ले लिया है। सुधा ने उत्तर दिया, “मैं कहीं नहीं जा रही। मैं तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताना चाहती हूं।” उसने घनश्याम को गले लगाकर कहा कि वह उससे बहुत प्यार करने लगी है और वह कभी भी उसे नहीं छोड़ना चाहती।

सुधा ने समझा कि अरेंज मैरिज के बावजूद, उसने घनश्याम जैसा सच्चा और प्यार करने वाला पति पाया है। अब वह जानती थी कि उनके रिश्ते में प्यार की कमी नहीं है और यह रिश्ता मजबूत और सच्चा है।

Related posts

छोटे शहर के सपनों से मार्केट लीडरशिप तक: अंबिका महेश्वरी की प्रेरणादायक यात्रा

Ravi Jekar

Fashion Model Arya कौन हैं? Vogue फीचर्स से लेकर FMA ब्रांड की सफलता तक

Ravi Jekar

अलीगढ़ से विश्वपटल तक : अमर सिंह राही व डॉ.अवनीश राही के महाकाव्य की गूँज

Jansansar News Desk

नई दिल्ली में डॉ. आदित्य पतकराव और केंद्रीय मंत्री वि. सोमन्ना की महत्वपूर्ण बैठक – मुरुड स्टेशन विस्तार, घटनांदुर-श्रीगोंदा-दौंड रेलवे प्रोजेक्ट और बीड स्टेशन विकास पर हुई विस्तृत चर्चा

Jansansar News Desk

जोनल रेलवे सदस्य डॉ. आदित्य पतकराव ने की रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से महत्वपूर्ण बैठक

Jansansar News Desk

Animesh Khare Das की नई किताब “Poems and Verses for Kids” लॉन्च

Jansansar News Desk

Leave a Comment