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Vivek's mistake revealed his true love: The story of Nisha who became a bride
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विवेक की गलती से मिली सच्चे प्यार की पहचान: दुल्हन बनी निशा की कहानी

विवेक अपने ऑफिस में एक लड़की को बहुत पसंद करता था। वह लड़की भी विवेक को बहुत पसंद करती थी।
विवेक के घर वालों ने उसके लिए रिश्ते देखना शुरू कर दिया था। इसलिए एक दिन अच्छा मौका देखकर विवेक ने उस लड़की को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। शादी का नाम सुनकर लड़की ने सीधा इनकार कर दिया। इस पर विवेक को बहुत गुस्सा आया और गुस्से में आकर घर वालों की पसंद की लड़की से शादी करने के लिए हामी भर दी।
घर वालों ने विवेक से कहा भी कि वह एक बार चलकर लड़की को देख ले, पर विवेक ने कहा, “आपकी पसंद ही मेरी पसंद है। आप लोग बस जल्द से जल्द शादी कर दीजिए।”
घरवालों ने विवेक की बात मान ली और उसकी शादी करा दी। पूरी शादी में दुल्हन का मुंह घूंघट से ढका हुआ था, इसलिए विवेक दुल्हन का चेहरा नहीं देख पाया।
विवेक की पत्नी निशा विदाई के बाद उसके कमरे में घूंघट डालकर रात भर विवेक के आने का इंतजार करती रही। पर विवेक उस रात कमरे में नहीं आया।
विवेक ने निशा से शादी बस उस ऑफिस वाली लड़की को जलन महसूस कराने के इरादे से की थी। बाकी उसे निशा से कोई फर्क नहीं पड़ता था। वह सारी रात अपने दोस्तों के साथ घूमता रहा और सुबह होते ही लौट आया। निशा उसके इंतजार में बैठे हुए ही सो गई थी, कमरे में विवेक के कदमों की आहट से उसकी नींद टूटी तो वह फिर नई दुल्हन की तरह घूंघट डालकर बैठ गई।
विवेक ने उसकी तरफ देखा और कहा, “देखो, तुम मुझसे कोई उम्मीद मत रखना। और ये उम्मीद तो बिल्कुल नहीं रखना कि मैं तुम्हारे चेहरे से घूंघट उठाऊंगा। मैं किसी और से प्यार करता हूं। भले ही अब वह नहीं करती, पर मैं उसके अलावा किसी और का नहीं होऊंगा।”
विवेक की बात सुनकर निशा के आंसू उसी के पैरों पर टपकने लगे। रोते हुए निशा बोली, “तुम सच में मुझसे इतना प्यार करते हो?”
निशा की आवाज सुनकर विवेक पूरी तरह चौंक गया। वह सोचने लगा “अरे नहीं, ये तो मेरे प्यार… मेरी निशा की आवाज है!”
“क्या हुआ? अब भी मेरा घूंघट नहीं हटाओगे?” निशा ने कहा तो विवेक ने बिना देर किए घूंघट हटा दिया। “आह… तुम दुल्हन के रूप में कितनी सुंदर लग रही हो। मेरी निशा। मेरी पत्नी निशा!”
विवेक खुशी से बावला हुआ जा रहा था कि, ये वही लड़की है, जिसे मैं हमेशा से अपनी पत्नी बनाना चाहता था।
फिर विवेक ने पूछा कि, ये सब हुआ कैसे? तो निशा ने बताया कि, एक दिन तुम्हारी मां ने हमारी बातें सुन ली थीं। और वह समझ गई थीं कि विवेक मुझे पसंद करता है। फिर उन्होंने तुम्हारे फोन से नंबर लेकर मेरे को फोन किया और सारी बातें कीं। मेरी तरफ से हां सुनकर, मां जी ने मेरे घरवालों से शादी के लिए बात कर ली। मैं आपको सप्राइज देना चाहती थी, इसलिए शादी के लिए मना किया। लेकिन तुम इतने अकड़ू थे कि शादी से पहले एक बार भी मिलने को राज़ी नहीं हुए और सरप्राइज इतना लंबा खिंच गया।

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