Jansansar
The story of finding strength from a wife's laughter: A husband's self-realization and realization of weakness
लाइफस्टाइल

पत्नी की हंसी से ताकत पाने की कहानी: एक पति का आत्मज्ञान और कमजोरी का अहसास

एक व्यक्ति कहता है, “मैं शादीशुदा हूँ। मेरी पत्नी मुझसे कद में छोटी और कमजोर है, जबकि मेरा शरीर ऊँचा, लंबा और तगड़ा है, बिल्कुल एक पहलवान की तरह। मेरी पत्नी का कद छोटा है, इसलिए मैं अक्सर उससे मजाक करता हूँ और उसे परेशान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता। अगर वह मुझसे कुछ मांगती है, तो मैं उसे अपने ऊँचे कद का फायदा उठाकर उसकी चीज़ ऊँचा कर देता हूँ, और वह कोशिश करती रहती है उसे लेने की। मैं और भी तरह-तरह से उसे परेशान करता हूँ और मुझे खुशी होती है यह देखकर कि वह भी मुझे परेशान करने की कोशिश करती है।
एक दिन, मेरी पत्नी इन हरकतों से उकता गई। सुबह जब मैं काम पर जाने के लिए उठा, वह मेरे लिए नाश्ता बना रही थी। मैंने उसे परेशान करना शुरू किया, तो उसने गुस्से में कहा कि जब आप शाम को घर आएंगे, तो मैं आपको नजर नहीं आऊँगी। मुझे लगा कि वह मजाक कर रही है, लेकिन जब शाम को मैं घर आया, तो मैंने उसे कई बार आवाज़ दी, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने पूरे घर में उसे ढूंढा, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। जब मैं रसोई में गया, तो फ्रिज पर एक चिट्ठी मिली, जिसमें लिखा था, ‘अपना ख्याल रखना, अब मैं वापस नहीं आऊँगी।’
यह पढ़कर मैं घबरा गया और मेरे पांव कांपने लगे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरी पत्नी अचानक कहीं जा सकती है। मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं जो खुद को बहुत ताकतवर समझता था, वह अब कमजोर हो गया हूँ, क्योंकि मेरी पत्नी ही मेरी ताकत थी। उसकी अनुपस्थिति में मैं खुद को सबसे कमजोर महसूस कर रहा था। मैंने उसके मायके, दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन किया, लेकिन उसकी कोई खबर नहीं आई। मैं और अधिक परेशान हो गया और मेरे आँसू बहने लगे। मैं कभी भी इतना नही रोया जितना मैं अपनी पत्नी की चिंता में रोया।
फिर अचानक मुझे टेबल के नीचे कुछ हलचल और हल्की-फुल्की हंसी की आवाज़ सुनाई दी। जब मैंने देखा, तो मेरी पत्नी टेबल के नीचे छिपी हुई थी, जो मेरी सारी हरकतें देख रही थी और मुझे परेशान होते हुए देखकर खुश हो रही थी। मैंने उसे टेबल के नीचे से बाहर खींच लिया और एक बच्चे की तरह उसे गले से लगा लिया। उसकी हंसी देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। सच में, जब मेरी पत्नी नहीं थी, तो मैं दुनिया का सबसे कमजोर व्यक्ति बन गया था। लेकिन उसे देखकर मुझमें फिर से ताकत आ गई। सच है, मेरी पत्नी के बिना मैं बिल्कुल अधूरा हूँ!”

Related posts

उम्र की इस दहलीज़ पर: एक माँ की दर्द भरी यात्रा

Jansansar News Desk

समय की अहमियत और जीवन के खोए अवसर: विराज की कहानी

Jansansar News Desk

उम्र का अहसास और परिवार का समर्थन: शिवराम जी की कहानी

Jansansar News Desk

सच्चे प्रेम की धैर्यवान यात्रा: निखिल और सपना की कहानी

Jansansar News Desk

नेहा के संकट का समाधान: पुलिस की मदद से समाधान की दिशा

Jansansar News Desk

खुशी का असली अहसास: पैसे से ज्यादा मायने रखता है परिवार

Jansansar News Desk

Leave a Comment