प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि उसने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत का अनादर किया और देश के संविधान को लेकर जनता को धोखा दिया। प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि कांग्रेस ने जो “लाल किताब” नामक किताब वितरित की, उसका दावा था कि उसमें भारतीय संविधान की प्रति है। लेकिन जब यह किताब खोली गई, तो वह पूरी तरह से खाली निकली, जो संविधान और अंबेडकर के योगदान के प्रति कांग्रेस के अनादर का स्पष्ट उदाहरण है। मोदी ने इसे कांग्रेस द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का हिस्सा करार दिया और इसे एक “खोखली किताब” कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में भी कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की और आरोप लगाया कि पार्टी ने इस क्षेत्र में दलितों को कोई अधिकार नहीं दिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद बढ़े, और वहां की समस्याओं को सुलझाने के बजाय, कांग्रेस ने क्षेत्रीय हितों के बजाय राजनीतिक लाभ को प्राथमिकता दी। मोदी ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा और कभी भी यह नहीं बताया कि 75 वर्षों तक राज्य में दो संविधान लागू थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, “फर्जीवाड़े में कांग्रेस ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिस ‘लाल किताब’ का कांग्रेस दिखावा कर रही थी और बांट रही थी, उसमें कुछ भी नहीं था। यह एक खोखली किताब थी। यह बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति कांग्रेस की अवहेलना और नफरत के अलावा और कुछ नहीं है। कांग्रेस के इस मूर्खतापूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण राजनीतिक खेल से पूरा देश स्तब्ध है।” मोदी ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के दलितों को कोई अधिकार नहीं दिया, जिससे राज्य में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा मिला।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, “कश्मीर दशकों तक आतंकवाद और अलगाववाद से जूझता रहा, लेकिन कांग्रेस ने कभी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। कांग्रेस की नीतियों ने केवल देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुँचाया।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय तक अपने अधिकारों से वंचित रहे और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होती चली गई।
मोदी ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर में विशेष रूप से दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नजरअंदाज करने का भी आरोप कांग्रेस पर लगाया। उनका कहना था कि यह कांग्रेस की विफलता थी कि उसने जम्मू-कश्मीर में समावेशी विकास की ओर ध्यान नहीं दिया और वहां के लोगों को राजनीतिक लाभ के लिए अनदेखा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि देश को यह जानने का हक था कि 75 वर्षों तक जम्मू-कश्मीर में दो संविधान लागू थे, लेकिन कांग्रेस ने इस सच्चाई को कभी उजागर नहीं किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने कभी नहीं बताया कि जम्मू-कश्मीर में दो संविधानों का अस्तित्व था, और इस दौरान वहां के नागरिकों को उनके मूल अधिकारों से वंचित रखा गया।”