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The price of trust: The story of an Ajay
लाइफस्टाइल

भरोसे की कीमत: एक अजय की कहानी

अलार्म की कर्कश ध्वनि से अजय की नींद टूटी। वह धीरे-धीरे उठा और दूध की थैली लेने के लिए गेट की ओर बढ़ा। जब उसने गेट खोला, तो उसके होश उड़ गए। उसके घर के कम्पाउंड में, दीवार के सहारे एक लड़की बैठी थी, जो शायद नींद में थी। अजय की जुबान से स्वतः ही निकल पड़ा, “अरे! कौन हो तुम और यहाँ क्या कर रही हो?”

अजय की तीखी आवाज़ से लड़की की नींद टूट गई। वह घबरा कर उठी और फिर अचानक अजय के पैरों में गिर गई। “मुझे बचा लीजिए, साहब! वे लोग मुझे मार डालेंगे। प्लीज, मुझे बचा लीजिए,” लड़की की आवाज़ कांप रही थी। उसने अजय के पैर पकड़ लिए थे और उसके आंसू अजय के पैरों पर गिर रहे थे। इस अनजान और अनचाही परिस्थिति में अजय हड़बड़ा गया। उसने अपने पैर छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन लड़की ने कसकर पकड़ रखा था।

अजय झल्लाकर बोला, “पहले मेरे पैर छोड़ो और सच-सच बताओ कि तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो? कौन तुम्हें मारने की धमकी दे रहा है?”

लड़की ने आँसुओं के बीच कहा, “साहब, मैं सब कुछ सच बताऊंगी, पर पहले मुझे अंदर ले चलिए। वे लोग यहीं कहीं छिपे होंगे, अगर उन्होंने मुझे देख लिया तो वे मुझे मार डालेंगे।” लड़की की आवाज़ में इतनी गहरी दहशत थी कि अजय निरुत्तर हो गया।

अजय ने चारों ओर नजर दौड़ाई, लेकिन कोई दिखाई नहीं दिया। वह थोड़ी देर के लिए चुप रहा, फिर बोला, “ठीक है, मेरे पीछे आओ, लेकिन पहले रोना बंद करो।”

लड़की चुपचाप अजय के पीछे-पीछे कमरे में आ गई और अजय ने दरवाजा बंद कर लिया। उसने लड़की को सोफे पर बैठने के लिए कहा और खुद भी सामने वाले सोफे पर बैठ गया। “अब बताओ, तुम कौन हो, और मेरे घर के कम्पाउंड में क्या कर रही हो? कौन तुम्हें मारने की धमकी दे रहा है?”

लड़की ने आँसू पोंछते हुए कहा, “साहब, मेरा नाम नेहा है। मेरी शादी विकास से हुई थी। वह एक बदमाश निकला, जिसने शराब, जुआ और सट्टे में अपनी जिंदगी बर्बाद कर दी। वह टैक्सी चलाता है, लेकिन अपने बुरी आदतों के लिए उसने मुझे 20 लाख रुपये में अपने पड़ोसी, विनोद, को बेच दिया।”

अजय की आंखें फैल गईं। “क्या? ये तुम क्या कह रही हो?” उसने चौंकते हुए कहा।

नेहा ने सिर झुका लिया और अपनी कहानी जारी रखी, “विकास मुझे विनोद के घर ले गया और कहा, ‘लो, अब यह तुम्हारी जिम्मेदारी है।’ और वह वहां से चला गया। जब मैंने जाने की कोशिश की, तो विनोद ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा, ‘मैंने तुम्हें 20 लाख रुपये में खरीदा है, ऐसे कैसे जाने दूंगा?’ तब मुझे एहसास हुआ कि मेरी सुंदरता ही मेरे विनाश का कारण बन गई थी।”

अजय ने नेहा को ध्यान से देखा। वह वास्तव में बहुत खूबसूरत थी। उसकी स्थिति को समझते हुए, अजय ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, “अरे, अब रोना बंद करो। आगे क्या हुआ, बताओ।”

नेहा ने अपनी बात जारी रखी, “वह दिन से मेरा शोषण शुरू हो गया। जब मैंने विरोध किया, तो उसने मुझे बुरी तरह मारा। मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन यह मेरी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। पुलिस ने मुझे रिपोर्ट लिखवाने बिठा दिया, और पीछे से विनोद को बुला लिया। विनोद ने थाने में ही मेरी जमकर पिटाई की, और पुलिस वाले मुस्कुराते रहे। उसके बाद मैं विनोद की गुलाम बन गई।”

अजय कुछ कहने ही वाला था कि अचानक डोरबेल बज उठी। उसने स्क्रीन पर देखा कि दो अजनबी चेहरे बाहर खड़े थे। नेहा ने चिल्लाकर कहा, “ये वही लोग हैं! दरवाजा मत खोलना, साहब, वे लोग मुझे मार डालेंगे!”

अजय ने ऑडियो ऑन कर पूछा, “कौन है?”

बाहर से आवाज आई, “साहब, एक लड़की है, वह यहां आई क्या?”

अजय ने उत्तर दिया, “नहीं, यहां कोई नहीं है। अब जाओ यहां से।”

जब दोनों लोग चले गए, तो नेहा ने अजय का आभार व्यक्त किया। “साहब, आपने आज मेरी जान बचाई है। मैं आपकी जिंदगी भर गुलाम रहने को तैयार हूं।” उसने अजय को गले लगा लिया, लेकिन अजय ने तुरंत उसे पीछे हटने को कहा।

थोड़ी देर बाद, नेहा ने एक तस्वीर की ओर इशारा करते हुए पूछा, “ये लड़की कौन है आपके साथ?”

अजय ने हंसते हुए कहा, “वह मेरी पत्नी, स्वाति है। आज दोपहर तक वह घर आ जाएगी।”

नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो क्या मैं भी मिल सकती हूँ उनसे?”

अजय ने तुरंत मना कर दिया, “नहीं, तुम उनसे नहीं मिल सकती। अगर वह तुम्हें यहां देखकर कुछ गलत समझ बैठी तो?”

नेहा ने समझने का अभिनय करते हुए कहा, “आप सचमुच बहुत डरते हैं अपनी पत्नी से!”

अजय ने थोड़ी सी हंसी के साथ उसे किचन में फ्रेश होने के लिए भेज दिया और खुद भी सैंडविच बनाने की तैयारी में जुट गया।

थोड़ी देर बाद, नेहा ताजगी भरी दिखने लगी, लेकिन अजय का ध्यान उसके कपड़ों की ओर गया। वह स्वाति के कपड़े पहनकर आई थी, लेकिन कपड़े उसे तंग आ रहे थे, जिससे उसके शरीर के उभार और भी स्पष्ट हो गए थे। अजय उसकी ओर देखता रह गया।

तभी फिर से डोरबेल बज उठी। इस बार अजय ने स्क्रीन पर देखा कि पुलिस खड़ी थी। उसके दिल की धड़कन तेज हो गई। पुलिस अंदर आई और पूरे घर की तलाशी लेने लगी। तलाशी के दौरान, बेसमेंट से किसी लड़की की घुटी-घुटी आवाज़ सुनाई दी।

जब पुलिस ने बेसमेंट में जाकर देखा, तो नेहा, जिसे अब श्वेता के नाम से पहचाना गया, हाथ-पैर बंधी और घायल अवस्था में पड़ी थी। उसने पुलिस को बताया कि अजय ने उसे किडनैप किया था।

पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर लिया। अजय की पूरी दुनिया उजड़ चुकी थी। उसने जो मदद की, वह अब उसके लिए बर्बादी का कारण बन चुकी थी। श्वेता उर्फ नेहा ने उसे धोखा दिया था, और अब उसकी पत्नी स्वाति भी वापस आ रही थी। अजय समझ नहीं पा रहा था कि वह इस हालात से कैसे निकले।

शेखर और उसके साथियों ने अब अजय से एक करोड़ रुपये की मांग की, ताकि वह मामले को रफा-दफा कर सकें। अजय को मजबूरन पैसे देने पड़े, और उसने स्वाति के आने से पहले ही उन्हें वहां से रवाना कर दिया।

अजय के दिमाग में बस यही गूंज रहा था कि उसने एक अजनबी पर भरोसा करके कितनी बड़ी गलती कर दी थी। उस दिन के बाद अजय ने सीख लिया था कि इस दुनिया में किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करना कितना खतरनाक हो सकता है।

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