2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के कुछ दिनों बाद, उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है और प्रमुख पदों पर नियुक्तियां करना शुरू कर दिया है। ट्रम्प ने हाल ही में रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज को अपने अगले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। यह घोषणा 11 नवंबर, 2023 को की गई, और अब माइक वाल्ट्ज ट्रम्प को प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर सलाह देंगे और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करेंगे।
माइक वाल्ट्ज की इस नियुक्ति के बीच, उनकी एक पुरानी टिप्पणी हाल ही में फिर से चर्चा में आई है। 2023 में, सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमले के बाद, माइक वाल्ट्ज ने खालिस्तानियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। उन्होंने इस घटना को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए कहा था कि अमेरिकी सरकार भारत की संप्रभुता पर हमला करने वाली किसी भी गतिविधि को समर्थन नहीं देगी।
वाल्ट्ज के इस कड़े संदेश ने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ उनकी सख्त नीति को स्पष्ट रूप से उजागर किया। उनके अनुसार, इस तरह की घटनाओं को न तो बर्दाश्त किया जा सकता है और न ही इसे किसी प्रकार का वैध समर्थन दिया जा सकता है।
ट्रम्प की ओर से वाल्ट्ज की एनएसए के पद पर नियुक्ति को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सुरक्षा के मोर्चे पर एक मजबूत कदम हो सकता है। माइक वाल्ट्ज का पूर्व सैन्य अनुभव और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उनका कट्टर रुख, उन्हें एक प्रभावी सलाहकार बनाएगा।
अब जब वाल्ट्ज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यभार संभालेंगे, उनकी प्राथमिकता अमेरिकी सुरक्षा हितों और अंतरराष्ट्रीय रिश्तों के संदर्भ में भारत-अमेरिका सहयोग को मजबूत करने की होगी।