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Key to success: A story of struggle and growth over difficulties
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सफलता की कुंजी: कठिनाइयों से संघर्ष और विकास की कहानी

एक बार की बात है, एक गांव में एक 12 साल का लड़का अपने माता-पिता के साथ रहता था। एक दिन वह लड़का कई सालों के बाद अपने दादाजी के गांव जाता है। वहां जाकर वह हर समय अपने दादाजी के साथ खेलता है। खेलते-खेलते उसने एक दिन अपने दादाजी से कहा, “दादाजी, जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो मैं बहुत ज्यादा सफल बनकर दिखाऊंगा। क्या आप मुझे कामयाब बनने के लिए कुछ तरीके बता सकते हैं?” उसके दादाजी मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखते हैं और उसे हां कहते हैं।
वे उसे एक पौधों की दुकान पर ले जाते हैं, जहां पर छोटे-छोटे पौधे मिलते थे। वहां से उसके दादाजी दो छोटे पौधे खरीदते हैं और वापस घर आ जाते हैं। घर आने के बाद वे उनमें से एक पौधे को बड़े से गमले में लगा देते हैं और उस गमले को घर के अंदर रख देते हैं। दूसरे पौधे को वे घर के बाहर लगा देते हैं। फिर वे अपने पोते से पूछते हैं, “तुम्हें क्या लगता है, कौन सा पौधा भविष्य में अच्छे से बड़ा हो पाएगा?”
लड़के ने थोड़ा सोचा और अपने दादाजी से कहा, “हमने जो पौधा घर के अंदर लगाया है, वह अच्छे से बड़ा हो पाएगा क्योंकि वह घर के अंदर हर समस्या से सुरक्षित रहेगा। और जो पौधा हमने बाहर लगाया है, उसे बहुत सी चीजों का जोखिम है, जैसे कि सूरज की तेज किरणें, आंधी-तूफान, तेज बारिश और जानवरों से भी उस पौधे को जोखिम है।”
उसके दादाजी मुस्कुराए और उससे कहा, “फ्यूचर में देखते हैं, इन दोनों पौधों के साथ क्या होता है।”
फिर 4 साल बाद वह लड़का फिर से अपने दादाजी के घर जाता है। दादाजी को देखने के बाद वह फिर से उनसे पूछता है, “दादाजी, पिछले बार मैंने आपसे पूछा था कि जिंदगी में सफल कैसे होते हैं, लेकिन आपने मुझे कुछ नहीं बताया था। लेकिन अब आपको मुझे बताना ही पड़ेगा।”
उसके दादाजी मुस्कुराते हुए उससे कहते हैं, “जरूर, लेकिन सबसे पहले हम उन दो पौधों को देखते हैं जो हमने कुछ साल पहले लगाए थे।” यह कहकर वे उसे उसी जगह पर ले जाते हैं, जहां उन्होंने घर के अंदर जो पौधा रखा था। उन्होंने देखा कि वह पौधा एक बड़ा पौधा बन चुका था। फिर वे उस जगह पर गए, जहां उन्होंने दूसरे पौधे को बाहर लगाया था। उन्होंने देखा कि वह छोटा सा पौधा अब एक बहुत बड़ा और विशाल पेड़ बन चुका था। उसकी जो टहनियां थीं, वे बहुत ही मजबूत और लंबी थीं और उसका साया पूरे ग्राउंड पर पड़ रहा था।
अब उस लड़के के दादाजी ने उसकी तरफ देखा और उससे कहा, “बताओ, कौन सा पौधा ज्यादा बड़ा और मजबूत हो चुका है? कौन सा पौधा ज्यादा सफल हुआ है?”
लड़के ने कहा, “वह पौधा जो हमने बाहर लगाया था। लेकिन दादाजी, यह कैसे संभव है? इस पौधे ने कई खतरनाक स्थितियों का सामना किया होगा। इस पर कई समस्याएं आई होंगी, लेकिन फिर भी यह पौधा इतना बड़ा पेड़ कैसे बन गया?”
उसके दादाजी ने उसकी तरफ देखा और कहा, “तुमने ठीक कहा। जो पौधा हमने बाहर लगाया था, उसने कई समस्याओं का सामना किया होगा और उन्हीं समस्याओं से निपटते हुए वह इतना बड़ा और विशाल हो पाया है। और अब वह जितना चाहे उतना अपनी टहनियों को बढ़ा सकता है। और जो आंधी-तूफान और तेज बारिश जैसी समस्याएं हैं, वे उसकी टहनियों को और भी मजबूत बनाती हैं। और इसी वजह से आज वह एक बहुत विशाल पेड़ बन चुका है और अब ये सारी समस्याएं उसके सामने छोटी हैं।”
फिर उसके दादाजी ने उसकी तरफ देखा और उससे कहा, “बेटा, एक चीज हमेशा याद रखना, जब तक तुम अपनी लाइफ में संघर्ष नहीं करोगे, जब तक तुम कठिनाईयों से नहीं गुजरोगे, तब तक तुम अपनी लाइफ में सफलता को प्राप्त नहीं कर सकते। अगर तुम अपनी लाइफ में हमेशा आरामदायक विकल्प ही चुनोगे, तो तुम अपनी लाइफ में उतना नहीं बढ़ पाओगे जितना तुम कर सकते हो। और अगर तुम हर समस्या के लिए तैयार रहोगे, हमेशा संघर्ष के लिए तैयार रहोगे, तो फिर किसी भी मंजिल को पाना तुम्हारे लिए असंभव नहीं होगा और फिर बड़ी-बड़ी समस्याएं तुम्हें छोटी लगने लगेंगी।”
यह सुनने के बाद उस लड़के ने एक गहरी सांस ली और फिर उस विशाल और बड़े पेड़ की तरफ देखने लगा। उसके दादाजी के शब्द उसके दिमाग में घूम रहे थे।
दोस्तों, समस्याएं, रुकावटें और कठिनाइयां हमें हमारी जिंदगी के दुश्मन लगती हैं, लेकिन यही रुकावटें और कठिनाइयां हमें मजबूत बनाती हैं और हमारी जिंदगी में ज्यादा सफल बनाती हैं। और किसी ने ठीक ही कहा है कि अगर आपकी लाइफ में समस्याएं नहीं आ रही हैं, तो समझ लो कि आप गलत ट्रैक पर हो।

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