Jansansar
GSLV-F15 की ताकत: ISRO ने भू-समकालिक कक्षा में उपग्रह को सफलतापूर्वक स्थापित किया
Uncategorized

ISRO के 100वें प्रक्षेपण में ऐतिहासिक सफलता: NVS-02 उपग्रह की कक्षा में स्थापित

ISRO ने GSLV-F15 से NVS-02 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा से GSLV-F15 रॉकेट के जरिए NVS-02 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। यह मिशन ISRO के लिए एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि यह उनका 100वां प्रक्षेपण मिशन था। NVS-02 उपग्रह का उद्देश्य भारत की क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली NavIC को और सुदृढ़ करना है, जिससे GPS जैसी सुविधाओं में सुधार होगा। इसके साथ ही, भारत में हवाई, समुद्री और सड़क यात्रा के लिए नेविगेशन की सटीकता और दक्षता में भी वृद्धि होगी।

उपग्रह की कार्यक्षमता और कक्षा में स्थापना

NVS-02 उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में स्थापित किया गया है। यह उपग्रह कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक के क्षेत्रों में नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा। साथ ही, तटीय क्षेत्र से 1,500 किलोमीटर तक की दूरी को भी कवर किया जाएगा। इससे भारतीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली के क्षेत्र में नया आयाम जुड़ा है और यह सुरक्षा, यातायात प्रबंधन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहायता प्रदान करेगा।

NavIC प्रणाली की विशेषताएँ और महत्व

NavIC (नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन) भारत की अपनी क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली है, जो भारतीय उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थान, गति और समय सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें 7 उपग्रहों का समूह होता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रभावी कार्य करता है। NVS-02 उपग्रह इस प्रणाली का दूसरा उपग्रह है और इसकी सटीकता 5 मीटर तक है, जबकि GPS की सटीकता 20-30 मीटर है। यह भारतीय नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली नेविगेशन सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

GSLV-F15 रॉकेट की उड़ान और तकनीकी विशेषताएँ

GSLV-F15 रॉकेट भारतीय भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान है, जो 50.9 मीटर ऊंचा और 420.7 टन वजन वाला है। इस रॉकेट का प्रमुख उद्देश्य NVS-02 उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में स्थापित करना है। यह रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ 8वीं परिचालन उड़ान भर रहा था। इसके अलावा, यह 17वीं उड़ान थी, जो GSLV परिवार का हिस्सा बनकर सफलतापूर्वक पूरा हुआ है।

ISRO की नई उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ

ISRO ने हाल ही में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन भी सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिसमें दो अंतरिक्ष यानों को पृथ्वी से 470 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया गया। इसके साथ ही भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा देश बन गया है, जिसने इस प्रकार के मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। ISRO के ये प्रयास अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की अग्रणी स्थिति को और मजबूत करते हैं और आने वाले समय में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में और भी नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में अग्रसर होगा।

Related posts

अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर करियर काउंसलिंग का हुआ आयोजन

AD

कार्यकर्ता सुवर्ण महोत्सव में क्या-क्या होगा?: महंत स्वामी ने किया प्रसाद का अभिषेक, हर व्यक्ति को मिलेगा 13 चीजों का प्रसाद, एक साथ लाख लोग 5 मिनट गाएंगे गीत

AD

संसद में ₹50 हजार के कैश बंडल से मचा हंगामा: सिंघवी की सीट पर मिली रकम, जांच की मांग

AD

इस साल भी जिग्नेश कविराज नवरात्रि पर अहमदाबाद में गरबा की धूम मचाएंगे

Jansansar News Desk

आगामी गुजराती फिल्म “एस2जी2- ए रोमांटिक मिशन” के कलाकार सूरत के मेहमान बने

कलर्स का ‘कृष्णा मोहिनी’: कलर्स की पांच जोड़ियां जो सारथी की शक्ति का प्रतीक हैं

Jansansar News Desk

Leave a Comment