विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को भूमध्यसागरीय देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया। उन्होंने इस क्षेत्र में भारत की भूमिका और भागीदारी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की इच्छा जाहिर की। जयशंकर ने कहा, “भारत एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भूमध्यसागरीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग के लिए तैयार है। हम इस क्षेत्र को व्यापार, सहयोग और पारस्परिक विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए अपार अवसर प्रदान करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत की विकास कहानी, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, विश्व के अन्य हिस्सों के लिए भी नए अवसर पैदा करती है। विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत और भूमध्यसागरीय देशों के बीच सहयोग केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता और समृद्धि में भी योगदान करेगा।
जयशंकर ने भारत की रणनीतिक दृष्टिकोण को उजागर करते हुए कहा कि भूमध्यसागर क्षेत्र में भारतीय भागीदारी को बढ़ाना न केवल व्यापार और आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि यह सांस्कृतिक और तकनीकी आदान-प्रदान को भी सुदृढ़ करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सहयोग भारत और भूमध्यसागरीय देशों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा और दोनों पक्षों के बीच एक मजबूत और स्थिर साझेदारी स्थापित करेगा।