आज से संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसानों की मुख्य मांग भूमि अधिग्रहण कानून से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित भूखंड और नए भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ मिलना है। किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो वे संसद का घेराव करेंगे।
गौरतलब है कि किसानों और प्रशासन के बीच 1 दिसंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, लेकिन मांगों पर सहमति न बनने के कारण किसानों ने रविवार को ‘चलो दिल्ली’ का आह्वान किया। इस मार्च में भारतीय किसान परिषद (BKP), किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) जैसे प्रमुख किसान संगठन शामिल हैं।
मार्च की शुरुआत बीकेपी के नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दोपहर 12 बजे होगी। किसानों का कहना है कि वे ट्रैक्टरों में बैठकर दिल्ली की ओर रवाना होंगे, और इसमें गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा सहित 20 जिलों के किसान शामिल होंगे।
इस आंदोलन को लेकर दिल्ली और नोएडा पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। बुरी तरह से फंसे ट्रैफिक जाम को देखते हुए पुलिस ने मेट्रो यात्रा की सलाह दी है। इसके अलावा, नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाकर चेकिंग की जा रही है, और पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात की गई है।
पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि कई मार्गों को डायवर्ट किया गया है, और दिल्ली की सीमाओं पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। अब देखना यह है कि किसानों की यह महत्त्वपूर्ण यात्रा संसद तक पहुँचने में सफल होती है या नहीं।