पंचमहल जिले और गोधरा शहर में इन दिनों सब्जियों और लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे गृहणियों के बजट पर भारी दबाव पड़ रहा है। आमतौर पर सर्दियों में हरी सब्जियां सस्ती हो जाती हैं, लेकिन इस बार तस्वीर कुछ और ही है।
लहसुन की कीमत घरों के बजट के लिए अब एक समस्या बन चुकी है। गोधरा के बाजार में एक किलो लहसुन की कीमत 400 से 500 रुपये तक पहुंच गई है, जो घर के रोज़मर्रा के खर्चों पर असर डाल रही है। खासकर उन गृहणियों के लिए, जो रोज़ाना लहसुन का इस्तेमाल करती हैं, अब यह एक महंगी सामग्री बन चुकी है।
सर्दियों के मौसम में जब उंधिया जैसे व्यंजन बनाने के लिए मेथी, मटर, तुवर और गाजर जैसे सस्ते और ताजे शाकाहारी सामानों की मांग बढ़ती है, तब इनकी कीमतें भी 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
यह महंगाई अब आम और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए एक चुनौती बन चुकी है। ऐसे में गृहणियों को अपने खानपान को लेकर न केवल अतिरिक्त सोच-विचार करना पड़ रहा है, बल्कि कुछ परिवारों के लिए इन महंगी सब्जियों का इस्तेमाल कम कर पाना भी मुश्किल हो गया है।
महंगाई के इस दौर में सब्जियों और लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी ने निश्चित ही घर की रसोई के बजट को प्रभावित किया है। घरों में अब यह चिंता और बढ़ गई है कि आखिर इन बढ़ते दामों के बीच किस तरह से आवश्यक खाद्य सामग्रियों की खरीदारी की जाए।