राव साहब ने आज 75 साल की उम्र में अपने कॉलेज फ्रेंड्स को एक विशेष अवसर पर बुलाया था। उनका आयोजन एक रेस्तरां में लंच के लिए था, जहां सभी पुराने दोस्त सालों बाद मिले और एक-दूसरे से बातचीत की। सबके चेहरे पर खुशी और पुरानी यादें ताजगी से भर गईं।
राव साहब ने सभी को एक अनोखा प्रस्ताव दिया: “चलो, हम अपनी ग्रुप की एक ट्रिप प्लान करें, बीच पर चलें!” लेकिन, कुछ दोस्तों ने इस विचार को लेकर संकोच किया। जैन आंटी और कुमार आंटी ने उम्र की वजह से विरोध जताया, जबकि सिंह अंकल ने समुद्र की संभावित समस्याओं की ओर इशारा किया।
राव साहब ने सबकी चिंताओं का जवाब देते हुए कहा, “मैं खेलने-कूदने के लिए नहीं कह रहा, बल्कि गणपति पुणे में दर्शन और बीच का आनंद लेने का विचार है। उम्र सिर्फ एक आंकड़ा है। हमारे कई दोस्तों ने हमें छोड़ दिया, जो जीने की चाहत रखते थे, लेकिन जीवन ने उनका साथ नहीं दिया। हमें भगवान की कृपा से एक लंबी उम्र मिली है, तो क्यों न हम इस जीवन का हर पल आनंद से जीएं?”
राव साहब ने सभी को याद दिलाया कि खुशी और स्वास्थ्य का संबंध केवल शारीरिक उम्र से नहीं है। जब मन प्रसन्न रहता है, तो शरीर भी स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा, “उम्र एक संख्या है, पर खुश रहने की ताकत हमारे हाथ में है। चलो, इस वैलेंटाइन डे पर हम गणपति पुणे का ट्रिप प्लान करें और नई शुरुआत करें।”
उनकी बातों से प्रेरित होकर सभी ने वैलेंटाइन डे पर गणपति पुणे जाने का वादा किया और खुशी से अपने-अपने घर लौट गए। राव साहब की प्रेरणा ने यह साबित कर दिया कि उम्र केवल एक संख्या है, और मन की खुशहाली ही सबसे महत्वपूर्ण है।