Jansansar
In the shade of a tree: A village, a friend, and a story of generations
लाइफस्टाइल

पेड़ की छांव में: एक गाँव, एक दोस्त, और पीढ़ियों की कहानी

यह एक छोटे से गाँव की कहानी है, जहाँ ज़िन्दगी की रफ़्तार धीमी थी और लोग एक-दूसरे के करीब थे।

इस गाँव में एक पेड़ था, जो एक विशाल छायादार छाता था, जो गर्मी के दिनों में ठंडक प्रदान करता था।

पेड़ के नीचे, एक पुरानी सीढ़ी थी, जहाँ बच्चे खेलते और बुजुर्ग धूप से बचने के लिए बैठते थे।

एक दिन, एक छोटा लड़का, जिसका नाम राहुल था, पेड़ के नीचे खेल रहा था। वह एक कल्पनाशील बच्चा था, और वह अक्सर पेड़ के साथ बातें करता था। आज, वह पेड़ से पूछ रहा था कि वह कितना पुराना है।

पेड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं तुम्हारे दादाजी से भी बड़ा हूँ, बेटा। मैं इस गाँव को तब से देख रहा हूँ, जब से यह एक छोटा सा जंगल था।

राहुल आश्चर्यचकित हो गया। “वाकई? आपने बहुत कुछ देखा होगा.
पेड़ ने हँसते हुए कहा, हाँ, मैंने बहुत कुछ देखा है। मैंने देखा है कैसे यह गाँव छोटे से बड़ा हुआ है। मैंने लोगों को आते और जाते देखा है। मैंने प्यार, हँसी, दुख और खुशी सब कुछ देखा है.

राहुल ने पेड़ की बातें सुनकर सोचा कि पेड़ कितना बुद्धिमान है। उसने पेड़ से पूछा, “आप इतने बड़े कैसे हो गए.

पेड़ ने कहा, “मैं धीरे-धीरे बड़ा हुआ हूँ, बेटा। मैंने अपने आप को मिट्टी से पोषण दिया है, सूरज की रोशनी से ऊर्जा ली है, और बारिश के पानी से पिया है।

राहुल ने कहा, मैं भी बड़ा होना चाहता हूँ, जैसे आप।
पेड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम भी बड़े हो जाओगे, बेटा। बस धैर्य रखो और सीखते रहो।

राहुल ने पेड़ को धन्यवाद दिया और अपने घर चला गया। उस दिन से, वह हर दिन पेड़ के पास जाता था और उससे बातें करता था। पेड़ उसके सबसे अच्छे दोस्त बन गया था।

वर्षों बीत गए, और राहुल बड़ा हो गया। वह गाँव छोड़कर शहर चला गया, लेकिन वह पेड़ को कभी नहीं भूला। जब भी वह गाँव आता था, तो वह पेड़ के पास जाता था और उससे बातें करता था।

एक दिन, राहुल अपने बेटे को गाँव ले गया। वह चाहता था कि उसका बेटा भी पेड़ को देखे और उससे बातें करे। जब वे पेड़ के पास पहुंचे, तो राहुल ने अपने बेटे से कहा, देखो, बेटा, यह पेड़ कितना बड़ा और सुंदर है। यह हमारे गाँव का खजाना है।

उसके बेटे ने पेड़ को देखा और मुस्कुराया। वह पेड़ के नीचे बैठ गया और पेड़ से बातें करने लगा।
राहुल ने अपने बेटे को पेड़ के साथ बातें करते हुए देखा और खुश हो गया।

उसे लगा कि पेड़ की कहानी आगे भी चलती रहेगी।
यह गाँव और पेड़ की कहानी थी, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रही।

यह एक ऐसी कहानी थी, जो हमें याद दिलाती है कि प्रकृति हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें उसका सम्मान करना चाहिए।और ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें।

साभार 🙏🙏

Related posts

उम्र की इस दहलीज़ पर: एक माँ की दर्द भरी यात्रा

Jansansar News Desk

समय की अहमियत और जीवन के खोए अवसर: विराज की कहानी

Jansansar News Desk

उम्र का अहसास और परिवार का समर्थन: शिवराम जी की कहानी

Jansansar News Desk

सच्चे प्रेम की धैर्यवान यात्रा: निखिल और सपना की कहानी

Jansansar News Desk

नेहा के संकट का समाधान: पुलिस की मदद से समाधान की दिशा

Jansansar News Desk

खुशी का असली अहसास: पैसे से ज्यादा मायने रखता है परिवार

Jansansar News Desk

Leave a Comment