संत जलाराम बापा की 225वीं जयंती 8 नवंबर, शुक्रवार को श्रद्धा और भक्तिपूर्वक धूमधाम से मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार यह दिन कार्तिक सुद सप्तमी (भानु सप्तमी) के रूप में मनाया जाएगा। इस विशेष अवसर पर सौराष्ट्र के वीरपुर गांव में भव्य मेला आयोजित किया जाएगा, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु जलाराम बापा की पूजा-अर्चना करेंगे और भंडारे में प्रसाद ग्रहण करेंगे।
धार्मिक महत्व:
जलाराम जयंती को लेकर संत जलाराम बापा के अनुयायी अपने-अपने घरों में विशेष पूजा का आयोजन करेंगे। भक्तजन वीरपुर में एकत्र होकर बापा के चरणों में श्रद्धा अर्पित करेंगे। इस दिन विशेष रूप से भंडारा, कृष्ण-लक्ष्मी पूजा और कथा वाचन की परंपरा रही है। वीरपुर में आयोजित होने वाले मेले में बापा के भक्त पूरे दिन श्रद्धा भाव से जुटेंगे और सामाजिक कार्यों के साथ-साथ सेवा का भी आयोजन करेंगे।
व्यापारियों के लिए शुभ अवसर:
इस दिन का व्यापारिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य आशीष रावल के अनुसार, जिन व्यापारियों ने अभी तक नए साल 2081 का मुहूर्त नहीं निकाला है, वे जलाराम जयंती के दिन विशेष शुभ मुहूर्त का लाभ उठा सकते हैं। शुक्रवार को विशेष रूप से माताजी का दिन माना जाता है, जो व्यापार में उन्नति और समृद्धि लाने वाला होता है। इस दिन महालक्ष्मी मां की कृपा से व्यापार में वृद्धि और सफलता के संकेत मिल सकते हैं।
शुभ मुहूर्त और पखवाड़ा:
इस दिन विशेष शुभ मुहूर्त और पखवाड़े की जानकारी भी दी गई है:
परिवर्तनशील समय (सुबह): 06:46 से 08:20 तक
लाभ पखवाड़ा (सुबह): 08:10 से 09:34 तक
अमृत काल (सुबह): 09:34 से 10:59 तक
विजय मुहूर्त (दोपहर): 12:39
जलाराम बापा की जयंती पर श्रद्धा और भक्ति के साथ-साथ व्यापारिक उन्नति और सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। इस विशेष दिन का महत्व ना सिर्फ धार्मिक रूप से, बल्कि व्यापारिक दृष्टि से भी बहुत अधिक है।
आध्यात्मिक और भव्य उत्सव:
जलाराम जयंती के मौके पर सभी भक्तों को अपने कार्यों में सफलता और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति हो, यही आशीर्वाद जलाराम बापा से प्राप्त हो, इसी शुभकामना के साथ यह पर्व मनाया जाएगा।