सूरत से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 90 साल के बुजुर्ग को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने की धमकी देकर 1.15 करोड़ रुपये की रकम हड़प ली गई। इस मामले में आरोपियों ने बुजुर्ग को मुंबई पुलिस के अधिकारी और अन्य एजेंसियों का बताकर झांसा दिया और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य आरोपी अभी फरार है।
कैसे हुई घटना?
यह घटना उस समय घटित हुई जब एक साइबर अपराधी ने खुद को मुंबई पुलिस, सीबीआई और ईडी का अधिकारी बताकर 90 वर्षीय बुजुर्ग को फोन किया। आरोपी ने दावा किया कि एक पार्सल में ड्रग्स और अन्य संदिग्ध सामान पाए गए हैं, जो मुंबई से चीन भेजे गए थे। इसके बाद उसने बुजुर्ग से कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला उनके खिलाफ दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, यदि वे तत्काल पैसे नहीं भेजते।
आरोपी ने फर्जी दस्तावेज भी भेजे, जिसमें भारतीय सर्वोच्च न्यायालय और ईडी का लोगो था, ताकि बुजुर्ग को डराया जा सके। डर के मारे बुजुर्ग ने आरोपी की बातों में आकर ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए 1.15 करोड़ रुपये भेज दिए।
पुलिस की कार्रवाई
इस गंभीर घटना के बाद सूरत पुलिस ने साइबर क्राइम सेल की मदद से त्वरित कार्रवाई की और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपी की तलाश जारी है, जिसे पुलिस ने वांछित घोषित कर दिया है। पुलिस मामले की और जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।
साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
यह घटना एक और उदाहरण है कि किस तरह साइबर अपराधी अब डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में लोगों को सावधान करने की कोशिश की है और साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की है। कई लोग समाज में बदनामी के डर से ऐसे अपराधों की रिपोर्ट नहीं करते, जो आगे चलकर और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
यह मामला एक चेतावनी के रूप में सामने आया है कि डिजिटल धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहना बेहद जरूरी है, खासकर जब एक वरिष्ठ नागरिक भी इसका शिकार हो सकता है।