एक ठंडी सर्दी की रात, जब ट्रेन धुआं उड़ाते हुए अपनी गति से चल रही थी, एक पुरुष और एक महिला एक ही डिब्बे में सफर कर रहे थे। पुरुष ऊपरी बर्थ पर लेटा था और महिला निचली बर्थ पर सो रही थी। रात के लगभग दो बजे थे और ठंड चरम सीमा पर थी, जिससे ट्रेन के डिब्बे में ठंडी हवाओं का अहसास गहरा गया था।
अचानक, पुरुष को ठंड इतनी महसूस होने लगी कि वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। उसने कई बार करवटें बदलीं, लेकिन ठंड कम नहीं हुई। अंततः, उसने साहसिकता दिखाते हुए निचली बर्थ पर सो रही महिला की ओर झुककर धीरे से कहा, “मुझे माफ करें, क्या आप मुझे साइड टेबल से एक कंबल दे सकती हैं? ठंड काफी ज्यादा हो रही है।”
महिला, जो गहरी नींद में थी, उसकी आवाज सुनकर चौंकी। उसने सोचा और हल्की आवाज में जवाब दिया, “मेरे पास एक बेहतर विचार है। ठंड तो वाकई बहुत है। क्यों न हम दोनों आज की रात एक विवाहित जोड़े की तरह व्यवहार करें?”
यह सुनकर पुरुष के चेहरे पर उम्मीद की एक चमक आ गई। उसने सोचा कि शायद उसे इस यात्रा में एक नया अनुभव मिल रहा है। उसकी ठंड अचानक गर्माहट में बदल गई। उसने उत्साह से भरी आवाज में कहा, “वाह! यह तो सचमुच बेहतरीन विचार है।”
महिला ने कुछ पल चुप रहकर उसकी उत्सुकता को और बढ़ाया। फिर उसने मुस्कराते हुए अपनी ओर मुड़कर कहा, “ठीक है, अगर ऐसा है, तो एक अच्छे पति की तरह, खुद उठकर अपना कंबल ले लो। आलसी कहीं के! और हां, ध्यान रखना, मुझे फिर से डिस्टर्ब मत करना। मैं सोने जा रही हूं।”
पुरुष का चेहरा उतर गया। उसे महसूस हुआ कि यह तो शादीशुदा जिंदगी का असली रूप है। उसे समझ में आ गया कि यात्रा जितनी लंबी होगी, ठंड से बचने के लिए उसे खुद ही मेहनत करनी पड़ेगी।
उसने धीरे-धीरे उठकर कंबल लिया और खुद को लपेट कर सोने की कोशिश की। इस घटना ने उसकी रात को खास बना दिया और उसे हंसी-मजाक की अनोखी सीख दी।