अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी सख्त नीतियों से दुनिया का ध्यान खींचा है। जन्मजात नागरिकता पर ट्रंप के नए आदेश ने अमेरिका और दुनिया भर में चर्चाओं को जन्म दिया है। यह आदेश अवैध प्रवासियों और बर्थराइट सिटिजनशिप (Birthright Citizenship) के प्रावधानों में बड़े बदलाव का संकेत देता है। आइए जानते हैं, इस नए आदेश का क्या मतलब है, और इससे किन लोगों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
जन्मजात नागरिकता क्या है?
जन्मजात नागरिकता का मतलब है कि किसी भी व्यक्ति को उस देश की नागरिकता मिल जाती है, जहां उसका जन्म होता है, भले ही उसके माता-पिता उस देश के नागरिक न हों।
- अमेरिका में 14वें संविधान संशोधन के तहत यह अधिकार 1868 में लागू हुआ।
- इसके तहत अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा, चाहे उसके माता-पिता विदेशी ही क्यों न हों, अमेरिकी नागरिक बन जाता है।
लेकिन ट्रंप के नए आदेश से यह नियम बदल जाएगा।
ट्रंप का नया आदेश क्या कहता है?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में दोबारा लौटते ही जन्मजात नागरिकता पर ट्रंप के नए आदेश पर दस्तखत कर दिए हैं। इस आदेश के तहत:
- अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चे को तभी नागरिकता मिलेगी, जब उसके माता या पिता में से कम से कम एक व्यक्ति:
- अमेरिकी नागरिक हो।
- ग्रीन कार्ड धारक हो।
- अमेरिकी सेना में सेवाएं दे रहा हो।
- अवैध प्रवासियों के बच्चों को अब नागरिकता का अधिकार नहीं मिलेगा।
- यह आदेश ‘बर्थ टूरिज्म’ रोकने के लिए लाया गया है।
यह आदेश क्यों लाया गया?
ट्रंप ने यह आदेश अवैध प्रवास और ‘बर्थ टूरिज्म’ रोकने के उद्देश्य से लाया है।
- बर्थ टूरिज्म: कुछ लोग केवल नागरिकता हासिल करने के लिए अमेरिका में बच्चों को जन्म देते हैं।
- इससे हर साल हजारों की संख्या में अवैध प्रवासी अमेरिका में प्रवेश करते हैं।
ट्रंप ने इसे रोकने के लिए इस कठोर कदम को उठाया है।
भारतीय समुदाय पर प्रभाव
- H-1B वीजा और ग्रीन कार्ड धारकों के लिए चुनौतियां:
- अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीयों के लिए यह आदेश बड़ी चुनौती बन सकता है।
- अब उनके बच्चों को जन्म के साथ नागरिकता नहीं मिलेगी।
- नागरिकता पाने वालों की संख्या में गिरावट:
- अमेरिका में हर साल करीब 50,000 भारतीयों को नागरिकता मिलती थी।
- अब यह आंकड़ा कम हो सकता है।
- फैमिली रीयूनियन में मुश्किल:
- भारतीय-अमेरिकी परिवारों के लिए एक साथ रहना मुश्किल हो सकता है।
अमेरिकी कानून और इस पर विवाद
अमेरिका का 14वां संविधान संशोधन सभी को बराबरी का अधिकार देता है।
- इस संशोधन को बदलने के लिए संसद की अनुमति जरूरी है।
- ट्रंप का आदेश एग्जीक्यूटिव ऑर्डर है, जिसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
- अमेरिकी सिविल राइट्स ग्रुप ने इस आदेश को असंवैधानिक बताया है।
दुनिया पर इसका प्रभाव
- मैक्सिको और कनाडा:
- अमेरिका से सटे इन देशों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
- बड़ी संख्या में प्रवासी अमेरिका में बच्चों को जन्म देकर नागरिकता हासिल करते थे।
- भारत:
- भारतीय समुदाय पर बड़ा असर होगा।
- ग्रीन कार्ड और H-1B वीजा के लिए इंतजार कर रहे लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी।
भारत में नागरिकता के नियम
भारत में भी जन्म के आधार पर नागरिकता दी जाती है।
- 1950 से 1987 के बीच:
- यहां जन्मे सभी बच्चे भारतीय नागरिक कहलाएंगे।
- 1987 से 2004 के बीच:
- माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- 2004 के बाद:
- माता-पिता दोनों भारतीय नागरिक हों, तभी बच्चा नागरिक होगा।
निष्कर्ष
जन्मजात नागरिकता पर ट्रंप के नए आदेश से अमेरिका और दुनिया भर में बड़ी बहस छिड़ गई है। यह आदेश न केवल प्रवासियों के लिए चुनौतियां खड़ी करेगा, बल्कि कई परिवारों के लिए भी मुश्किलें बढ़ाएगा। हालांकि, इस आदेश के खिलाफ अदालतों में चुनौती दी जा रही है, लेकिन फिलहाल यह अमेरिका के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।