निकिता एक गरीब परिवार की लड़की थी। गांव-गांव में सोलह से सत्रह साल की उम्र में शादी करने की जल्दी हो जाती है। निकिता की शादी करवाने के लिए उसका परिवार जल्दी में था, क्योंकि उसकी दो छोटी बहनें थीं। उसके पास भी शादी करने के अलावा कोई चारा नहीं था।
वह दिखने में साधारण थी और घर के हालात भी दहेज देकर शादी करने के लिए अनुकूल नहीं थे। इसलिए उसकी शादी जुड़ती नहीं थी। उसमें या गोत्र या कुंडली में कमी दिखाकर बहुत से रिश्ते मना कर देते थे।
आखिरकार, एक रिश्ता आया और उस लड़के ने उसे पसंद कर लिया। लड़का सेना में सिपाही था। बुजुर्गों ने शादी करने पर नाराजगी जताई और कहने लगे, “क्या होगा अगर लड़का अपनी पत्नी को समय नहीं दे पाया और कल शहीद हो गया तो?”
पिता ने बेटी से पूछा। निकिता ने अपने पिता की परेशानी देखकर शादी के लिए हामी भर दी और शादी हो गई। निकिता अपने ससुराल चली गई।
कुछ दिन बाद, पति ड्यूटी पर चला गया। निकिता अकेली रह गई और सोचने लगी कि घर बैठे-बैठे क्या करना चाहिए। सास से पूछने के बाद ही वह पहली बार घर की सीढ़ियों से नीचे उतरी। वह देखने गई कि यह गांव कैसा है।
गांव बहुत बड़ा था। वहां उसे कोई नहीं पहचान सका। वह एक बड़ी दुकान के सामने चल रही थी, तभी एक दुकानदार ने आवाज लगाई और कहने लगा, “भाभी, कोई सामान चाहिए क्या?” उसने दूर से नहीं कहा!
कुछ दूर पर एक किसान अपने खेत का कृषि सामान लेकर शहर की ओर जा रहा था। उस किसान ने निकिता को सलाम किया और पूछने लगा, “भाभी, आज यहां क्या कर रही हो?” इस पर निकिता ने कहा, “आपको क्या करना है, मैं कहां भी जाऊं?” फिर किसान ने कहा, “भाभी, अगर आपको किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो बस हमें बताना।”
धीरे-धीरे, निकिता आधा गांव घूम चुकी थी। लेकिन ऐसे किसी से कभी नहीं मिली, जिसने उससे बात नहीं की। निकिता का सवाल था, “इतने बड़े गांव में मैंने कभी घर नहीं छोड़ा, और किसी को जानते भी नहीं हैं, और फिर भी लोग मेरे साथ इतने प्यार से पेश आ रहे हैं! और मुझे इतना सम्मान दे रहे हैं।”
“हमारे गांव में कभी मैं पुरुषों से आंख भी नहीं मिला पाती थी! लोगों की ऐसी गंदी निगाहें देखकर मैंने उम्र में आने के बाद घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था। लेकिन यहां स्थिति इतनी उल्टी कैसे?”
घर जाकर उसने अपनी सास से पूछा। सास ने कहा, “ओह, तुम एक फौजी की पत्नी हो। इसलिए तुम्हें गांव में इतना सम्मान मिलता है, जैसे मुझे मां बनने से मिलता है।” यह सुनकर निकिता की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उसका सीना गर्व से फूल गया, वह खुश थी कि उसने एक फौजी पति चुना था।