श्री तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य परम पूज्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के स्वमुखारविंद, श्री रामकथा सुनने का अलौकिक आनंद, रमाकांत चतुर्वेदी परिवार द्वारा अहमदाबाद को दिया गया यह अवसर जीवन भर याद रहेगा।
श्रीराम कथा समापन के दिन परम पूज्य स्वामीजी ने 9 दिवसीय कथा में प्रत्येक दिन की कथा को भगवान की 16 कलाओं से जोड़ा और सिद्ध किया कि रामजी 16 कलाओं के अवतार हैं। श्री राम भगवान के 16 कलाओं और सुंदरकांड में सुंदर शब्द का उल्लेख 8 बार हुआ है इसलिए सुंदरकांड का पाठ 24 घंटों के ८ प्रहरो में से किसी भी प्रहर में किया जा सकता है। समापन दिवस पर स्वामीश्री ने रामराज्य अभिषेक महोत्सव मनाया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मोबाइल पर टॉर्च की रोशनी में दिवा महाआरती के दर्शन किये.
श्री राम कथा आयोजन के प्रवक्ता श्री हिरेन भट्ट का कहना है कि इस राम कथा के सफल आयोजन में कड़ी मेहनत करने वाले तन मन और धन से जुड़े राघव सेवा समिति के सभी सदस्य, अतिथियों, संतों, सुरक्षा कर्मियों
तथा आयोजन में सहभागी प्रत्येक संस्था एवं व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त किया तथा श्री रामदरबार का फोटो-फ्रेम, राम अंकित घड़ी, शॉल एवं प्रसाद भेंट कर स्वयं को धन्य महसूस किया।
समापन के बाद भंडारे में करीब 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भोजन किया।