यह अंतरिम बजट राजकोषीय विवेक पर केंद्रित है और एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह इस बात का अच्छा संकेत है कि, जुलाई में बजट में कैसा आएगा, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पूंजीगत व्यय में 11.1% की
वृद्धि हुई है, जिससे कुल खर्च/परिव्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये होगा। हालांकि, FY24 में संभावित खर्च पर नजर डालें तो यह करीब 9.5 लाख करोड़ रुपये होगा। जिससे, अनिवार्य रूप से, वास्तविक तौर पर यह वृद्धि लगभग 17% होगी। इससे अंततः घरेलू इस्पात की मांग मजबूत होगी, निजी निवेश बढ़ेगा और रोजगार का सृजन होगा। अभूतपूर्व गति से सभी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर (डिजिटल, सामाजिक और भौतिक) के निर्माण पर जोर आशाजनक है। वित्त वर्ष 24-25 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य 5.1% और निरंतर राजकोषीय समझदारी वास्तव में प्रशंसनीय है।