Jansansar
सूरत में दिवाली पर प्रदूषण का खतरा: एयर क्वालिटी इंडेक्स ने तोड़ा रिकॉर्ड
वर्ल्ड

दिवाली के दौरान सूरत में बढ़ा प्रदूषण: AQI ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, स्वास्थ्य पर मंडराया खतरा

सूरत: दिवाली का पर्व जहां खुशी, रोशनी और उत्सव का प्रतीक है, वहीं इस बार सूरत के निवासियों के लिए यह एक चिंताजनक अनुभव बन गया है। पिछले 10 दिनों में सूरत ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में खतरनाक स्तर 281 दर्ज किया है, जिससे यह गुजरात का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यह स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है, बल्कि सांस संबंधी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती है।

पटाखों का प्रदूषण:
हर साल की तरह, दिवाली पर पटाखों का जलाना इस बार भी बढ़ गया है। इसके चलते वायु में प्रदूषित कणों की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हुई है। 24 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच सूरत का AQI 201 से 300 के बीच बना रहा है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार खराब श्रेणी में आता है। खासकर उन लोगों के लिए, जिन्हें पहले से ही श्वसन संबंधी समस्याएं हैं, इस प्रदूषण का असर अत्यंत नकारात्मक हो सकता है।

अहमदाबाद का भी बुरा हाल:
सूरत के साथ-साथ, अहमदाबाद ने भी 26 अक्टूबर को 231 AQI दर्ज किया। इस दिन दिवाली से पहले की तैयारियों में बाजारों में भारी भीड़ और वाहनों की संख्या में वृद्धि ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, यह सभी आंकड़े औसत हैं, और कुछ क्षेत्र अधिक प्रदूषित हो सकते हैं।

घने कोहरे की चादर:
दिवाली के बाद, सूरत में सुबह घना कोहरा छाया रहा, जो वायु प्रदूषण का एक और संकेत है। ठंड के मौसम में हवा में मौजूद हानिकारक कण घनत्व में वृद्धि कर देते हैं, जिससे दृश्यता कम होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की स्थिति से फेफड़ों और श्वसन तंत्र से संबंधित गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को सलाह दी है कि सर्दियों में, विशेष रूप से सुबह के समय जब कोहरा होता है, मास्क पहनकर बाहर निकलना चाहिए। यह न केवल सांस संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करेगा, बल्कि आम जन स्वास्थ्य की रक्षा में भी मदद करेगा।

इस दिवाली, जबकि लोग आतिशबाजी का आनंद ले रहे हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। सूरत में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए, सभी को सजग रहना चाहिए और अपने आस-पास के वातावरण को सुरक्षित बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है, ताकि आगामी त्योहारों में स्वास्थ्य और खुशहाली को प्राथमिकता दी जा सके।

Related posts

जनजातीय लोक महोत्सव परव 2024 को वेदांत का समर्थन

AD

डिजिटल युग का नायक – प्रवीण मिश्रा और ओम्फ का वैश्विक और राष्ट्रीय सम्मान

Jansansar News Desk

प्रवीण मिश्रा का डबल सम्मान: डिजिटल कनेक्टिविटी में नया अध्याय लिखते हुए

Jansansar News Desk

वेदांत एल्यूमीनियम और आयुष मंत्रालय का ‘स्वर्ण प्रासन्न’ अभियान, 6400 छात्रों का जीवन सुधारा

Jansansar News Desk

ब्रिटिश संसद में Ooumph की गूंज: भारत की तकनीकी क्रांति को मिली वैश्विक पहचान

Jansansar News Desk

Leave a Comment