ब्रुनेई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर की यात्रा की और 4 सितंबर को वहां मैराथन बैठकें कीं। सिंगापुर में प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत संसद भवन में किया गया, जहां उन्होंने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की। इस यात्रा का उद्देश्य भारत की सेमीकंडक्टर उद्योग में भविष्य की संभावनाओं को बढ़ाना और भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक प्रमुख दिग्गज के रूप में स्थापित करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ एईएम होल्डिंग्स लिमिटेड की सेमीकंडक्टर सुविधा का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों को भारत में निवेश और सहयोग के लिए प्रेरित करना था। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों को भारत में आयोजित होने वाली सेमीकॉन इंडिया प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
सिंगापुर के शीर्ष सीईओ ने भी पीएम मोदी के साथ बातचीत की और भारत में निवेश करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस प्रकार की बातचीत और सहयोग की पहल भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के भविष्य को संवारने में सहायक होगी।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा चुका है। मंत्रालय ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स में वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने के लिए एक जीवंत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस वर्ष की शुरुआत में कहा था कि भारत 2029 तक दुनिया के शीर्ष पांच सेमीकंडक्टर उद्योगों में शामिल हो जाएगा। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।