National News: पलक कोहली, भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी, ने अपने असीमित समर्पण और संकल्प के बल पर वैश्विक मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। पंजाब में जन्मी पलक ने खेल की दुनिया में छोटी उम्र में ही कदम रखा, और अपनी शारीरिक चुनौतियों के बावजूद खुद को स्थापित किया। एक दुर्घटना के कारण उनके बाएं हाथ में समस्या हो गई थी, लेकिन उन्होंने इस बाधा को अपनी ताकत में बदल दिया।
कोच गौरव खन्ना के मार्गदर्शन में, पलक ने बैडमिंटन में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अद्वितीय प्रदर्शन किया। 2019 में टोक्यो में आयोजित पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक और 2021 में दुबई पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल में रजत पदक जीतकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
पलक ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उनके खेल कौशल ने सभी को प्रभावित किया। उनकी कहानी एक प्रेरक उदाहरण है कि शारीरिक चुनौतियां आपके सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकतीं। उनके जीवन का संदेश है कि अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और मेहनत का जुनून है, तो आप किसी भी परिस्थिति में सफल हो सकते हैं।
पलक कोहली की यात्रा और उपलब्धियाँ न केवल खेल के क्षेत्र में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि निरंतर प्रयास और समर्पण से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।