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Honeymoon Hero Story: A true story of a unique rescue in the valleys of Kashmir
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हनीमून से हीरो की कहानी: कश्मीर की वादियों में एक अद्वितीय बचाव की सच्ची घटना

कश्मीर की हसीन वादियों में एक कपल अपने पहले हनीमून के लिए बेहद उत्साहित था। आरजू और अरमान, दोनों ही अपने इस नए सफर की शुरुआत को लेकर बेहद खुश थे। कश्मीर की खूबसूरत वादियां, खुला आसमान, और बर्फ से ढकी पहाड़ियां, यह सब उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था। अरमान ने कश्मीर जाने वाली बस में सामान रखा और दोनों ने मुस्कुराते हुए सफर शुरू कर दिया।
बस में उनके सामने की सीट पर एक अजनबी बैठा हुआ था। वह व्यक्ति बेहद थका हुआ और कमजोर दिख रहा था, जैसे कि उसने कई दिनों से ठीक से कुछ खाया न हो। उसकी हालत देखकर आरजू से रहा नहीं गया। उसने अपने बैग से कुछ खाना निकाला और उस व्यक्ति को दे दिया। वह व्यक्ति इतनी तेजी से खाना खाने लगा जैसे वह कई दिनों से भूखा था। उसने एक ही बार में सब कुछ खत्म कर दिया।
जैसे ही बस कश्मीर पहुंची, दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आरजू और अरमान ने एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराया, मानो वे दोनों इस सफर को अपनी किस्मत की सबसे बड़ी नेमत मान रहे हों। बस से उतरते ही, अरमान ने आरजू को सलाह दी कि किसी भी अजनबी से ज्यादा बात न करे, खासकर जैसे उसने उस आदमी से बस में बात की थी। वह नहीं चाहता था कि कश्मीर जैसी संवेदनशील जगह पर वे किसी अनजान खतरे में पड़ें।
लेकिन उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्होंने उसी आदमी को वहां देखा जहां वे ठहरे हुए थे। अरमान को यह सब कुछ अजीब लगने लगा। हालांकि, उसने सोचा कि शायद वह व्यक्ति बहुत गरीब है और अपने परिवार का पेट भरने के लिए यहां-वहां काम करता है। फिर भी, उसने आरजू को उस आदमी से दूर रहने की सलाह दी, क्योंकि वह किसी भी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहता था।
अगले दिन, अरमान बाजार में कुछ सामान लेने गया था जबकि आरजू होटल में ही थी। अचानक, कुछ हथियारबंद लोगों ने होटल को घेर लिया और वहां मौजूद सभी लोगों को बंधक बना लिया। जैसे ही यह खबर बाजार में फैली, अरमान अपने सामान को छोड़कर भागते हुए होटल की ओर दौड़ा। वहां पहुंचते ही उसने देखा कि होटल के चारों ओर पुलिस ने घेरा डाल दिया है और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।
अरमान की चिंता बढ़ती जा रही थी, उसका चेहरा लाल हो चुका था। वह बस आरजू की सलामती की दुआ कर रहा था। इतने में एक पुलिसकर्मी उसके पास आया और उससे पूछा, “क्या आपने किसी संदिग्ध व्यक्ति को देखा है? क्या आपको किसी पर शक है?” तभी अरमान को उस अजनबी आदमी का ख्याल आया। उसने पुलिसकर्मी को उस आदमी का चेहरा और हुलिया बताने ही वाला था कि अचानक उसे पीछे से आरजू की आवाज सुनाई दी, “अरमान, मैं यहां हूं।”
आरजू को देखकर अरमान की जान में जान आई। उसने राहत की सांस ली और तुरंत आरजू से पूछा, “तुम बाहर कैसे आई?” आरजू ने बताया, “वह आदमी, जिसने बस में खाना खाया था, उसने मुझे और कई अन्य लोगों को होटल के पीछे के दरवाजे से बाहर निकालकर जंगल के रास्ते सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया। उसकी बहादुरी के कारण ही हम सभी की जान बच गई।”
आरजू की बात सुनकर अरमान का नजरिया उस व्यक्ति के प्रति पूरी तरह बदल गया। जिस व्यक्ति को वह संदिग्ध मान रहा था, वही उनकी और कई अन्य लोगों की जिंदगी बचाने वाला निकला। सरकार ने उस आदमी की बहादुरी को सराहा और उसे एक सम्मानित मेडल के साथ-साथ सरकारी नौकरी भी दी। आरजू और अरमान ने भी उस आदमी का दिल से धन्यवाद किया और उसके बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का फैसला किया।
इस घटना ने उन्हें सिखाया कि किस्मत किस पल क्या मोड़ लेगी, यह कोई नहीं जानता। इंसानियत के ऐसे छोटे-छोटे किस्से हमें यह यकीन दिलाते हैं कि दुनिया में अभी भी अच्छे लोग हैं, जो जरूरत के वक्त दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं। कश्मीर की वह यात्रा, जो एक सामान्य हनीमून के रूप में शुरू हुई थी, अब उनकी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण यादों में बदल चुकी थी।

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