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धर्म

करौली सरकार धाम के पूर्णिमा उत्सव में पहुंचे गोल्डन बाबा, करौली शंकर महादेव के बारे में कही यह बड़ी बात

करौली सरकार पूर्वज मुक्ति धाम में पूर्णिमा उत्सव मनाया गया जिसमें करौली शंकर महादेव के माध्यम से पूर्ण गुरु पंडित राधा रमण मिश्र ने सभी को मंत्र दीक्षा दी। इस कार्यक्रम में  लगभग 3000 से ऊपर भक्तों ने भाग लिया।  इस पावन अवसर पर कानपुर के एक संत मनोजानंद महाराज जिन्हें लोग गोल्डन बाबा के नाम से भी जानते हैं, दरबार पधारे। गोल्डन बाबा दरबार के पूर्णिमा कार्यक्रम में सम्मिलित हुए तथा पूर्ण गुरु पंडित श्री राधा रमण मिश्र जी एवं गुरु माता कामाख्या के पूजन अर्चन करते हुए उनके आगे दण्डवत् नतमस्तक हुए।

इसके अलावा करौली शंकर महादेव और भगवान भोलेनाथ के प्रति अपना भक्ति एवं श्रद्धा भाव प्रकट किया।  इस बीच भक्तों के साथ गुरुदेव के ज्ञान चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने भक्तों को दीक्षा का महत्व समझाते हुए करौली शंकर गुरुदेव को ब्रह्म ऋषि एवं देव ऋषि व शिव स्वरूप कह कर के संबोधित किया, तथा सभी भक्तों से कहा की जिसने भी आज पूर्णिमा के दिन गुरुदेव से दीक्षा ली है उनकी सभी इच्छायें पूर्ण होंगी ।

उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी कहते है : “मंत्र जाप दृढ़ विश्वासा, पंचम भजन सो वेद प्रकाशा ।” यानी कि यदि आप गुरुदेव के मंत्र पर पूर्ण विश्वास कर के जाप करियेगा, अपनी समस्याएँ सब इनपर छोड़ दीजिए, हमने परमात्मा को नहीं देखा पर श्री करौली शंकर गुरुदेव को हमने परमात्मा के रूप में देखा है । “आप हमारे संत ऋषि हैं, देव ऋषि हैं, आप कलयुग में हमारे लिए शिव स्वरूप, राम स्वरूप, ज्ञान स्वरूप लेकर अवतरित हुए हैं जो हमारे कष्टों को हटा रहे हैं, निश्चित मानिए आपके सारे कष्ट इसी दरबार से जाएँगे, दुनिया में कोई और रास्ता नहीं है, जो जो लोग यहा आ रहे है, आप अपने गुरुदेव पर दृढ़ विश्वास रख कर जाप कीजिएगा, उन्होंने कहा कि मानव जाती के लिए श्री करौली शंकर गुरुदेव जो कर रहे हैं वह कोई और संत नहीं कर पा रहा है ऐसे संत को मेरा बारंबार नमन है।” ही गोल्डन बाबा ने ऐसा कहते हुए  गुरुदेव की जय जयकार करते हुए उन्होंने ज्ञान चर्चा को विश्राम दिया ।

तत्पश्चात् श्री करौली शंकर गुरुदेव ने सभी भक्तों से शिव पूजन करवा कर, उनकी पाँच महाभूत शुद्धि को सिद्धि में परिवर्तित कर के उन्हें सदा सदा के लिए नक़रात्मकता से मुक्त कर के ध्यान साधना की और अग्रसर होने का आशीर्वाद दिया।

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