Jansansar
Fifty years of love: a doll and a promise
लाइफस्टाइल

पचास साल की मोहब्बत: एक गुड़िया और एक वादा

शादी का दिन हर लड़की के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है, और सुमन के लिए भी यह दिन बेहद खास था। सजी-धजी सुमन, जब अपने साजन, विनीत के साथ मंडप में बैठी, तो उसके दिल में एक खास वादा था। विदाई के समय, उसने एक खास अटैची की ओर इशारा करते हुए विनीत से एक वादा लिया। उसने कहा, “विनीत, तुमसे एक वादा चाहिए। इस अटैची को बिना मेरी इजाजत कभी मत खोलना।”
विनीत ने मुस्कुराते हुए कहा, “सुमन, मैं तुम्हारा वादा निभाऊंगा। बिना तुम्हारी इजाजत इस अटैची को कभी नहीं खोलूंगा।”
वक्त बीतता गया। सुमन और विनीत ने साथ मिलकर अपने जीवन की हर खुशी और हर दुःख का सामना किया। उनके जीवन के पचास साल पूरे हो चुके थे। हर साल के साथ उनका रिश्ता और मजबूत होता गया। लेकिन एक दिन, सुमन की तबीयत अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों ने बताया कि उसके पास ज्यादा वक्त नहीं बचा। विनीत के दिल पर यह खबर बिजली की तरह गिरी, लेकिन उसने खुद को संभाला और अपनी पत्नी के पास आकर बैठ गया।
बिस्तर पर लेटी सुमन ने विनीत की आँखों में देखा और कहा, “विनीत, अब वह वक्त आ गया है जब तुम उस अटैची का राज़ जान सकते हो। अब तुम उसे खोल सकते हो।”
विनीत ने थरथराते हाथों से अटैची को खोला। अंदर दो गुड़िया और एक लाख रुपए थे। उसकी आँखों में आश्चर्य और सवाल थे। उसने सुमन की ओर देखा और पूछा, “सुमन, ये क्या है? इन गुड़ियों और पैसों का क्या मतलब है?”
सुमन ने धीमी आवाज में उत्तर दिया, “जब हमारी शादी हुई थी, मेरी माँ ने मुझे एक सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर मैं कभी तुम्हारी किसी बात से नाराज़ हो जाऊं, तो गुस्सा करने के बजाय, एक गुड़िया सिल लिया करूं।”
विनीत की आँखें भर आईं। उसने गुड़ियों को गिनते हुए कहा, “तो तुमने इन पचास सालों में सिर्फ दो बार मुझसे नाराज़गी महसूस की?”
सुमन मुस्कुराई और बोली, “हाँ, विनीत। तुमने मुझे हमेशा खुश रखा। तुमने मेरे हर सुख-दुःख में मेरा साथ दिया। लेकिन ये पैसे?”
विनीत की जिज्ञासा बढ़ती गई। सुमन ने उत्तर दिया, “ये पैसे मैंने उन गुड़ियों को बेचकर जमा किए हैं।”
विनीत की आँखों में आँसू आ गए। उसने अपनी सभी गलतियों का एहसास किया और सुमन के हाथों को पकड़कर कहा, “मुझे माफ कर दो सुमन, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं तुम्हें इतनी बार नाराज़ करूंगा।”
सुमन ने प्यार से कहा, “तुम्हारे साथ बिताए ये पचास साल मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा खजाना हैं। तुम्हारे साथ ने मुझे हर मुश्किल वक्त में सहारा दिया है।”
विनीत की आँखों में कृतज्ञता थी। उसने सुमन को गले लगाया, और उन पलों में उसे एहसास हुआ कि उनका रिश्ता कितना अनमोल था।
यह कहानी हमें सिखाती है कि पति-पत्नी का रिश्ता केवल प्यार पर नहीं, बल्कि विश्वास, सम्मान, और समझदारी पर भी आधारित होना चाहिए। रिश्ते में छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ करना, एक-दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखना, और हमेशा एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान बनाए रखना ही रिश्ते को सच्चा और मजबूत बनाता है।
सुमन और विनीत की यह कहानी उन सभी जोड़ों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने रिश्ते को मजबूत और खुशहाल बनाए रखना चाहते हैं।

Related posts

सूरत की निर्माता चंदा पटेल बनीं कांस फिल्म फेस्टिवल में फिल्म पोस्टर लॉन्च करने वाली शहर की पहली महिला फिल्ममेकर

हिंदी भाषा और व्याकरण: मानवीय संस्कारों से रोज़गार तक की यात्रा ।

Ravi Jekar

गीतकार डॉ.अवनीश राही के महाकाव्य का ईशा देओल ने किया लोकार्पण

Jansansar News Desk

मैक्स फ़ैशन ने लैक्मे फ़ैशन वीक में शानदार शुरुआत की, कल्कि केकलाँ रनवे पर छा गईं

Jansansar News Desk

सूरत में बालों और त्वचा की देखभाल अब आसान, गृह राज्य मंत्री के हाथों वेसू और पाल में एडवांस्ड ग्रो हेयर एंड ग्लो स्किन क्लीनिक का उद्घाटन

Jansansar News Desk

“रुनक झुनक गणगौर” उत्सव का हुआ भव्य आयोजन

Jansansar News Desk

Leave a Comment