National News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में हुई नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलते समय गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने राज्य की समस्याओं और चिंताओं को उठाने की कोशिश की, तो उनका माइक अचानक बंद कर दिया गया। ममता ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और इसके माध्यम से उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की गई।
सीएम ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपनी बात कहने के लिए वहां गई थीं, लेकिन उन्हें अपनी चिंताओं को साझा करने का अवसर नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है और उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं है।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह ऐसे व्यवहार से डरने वाली नहीं हैं और अपने राज्य की समस्याओं के लिए लड़ाई जारी रखेंगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बंगाल की आवाज़ को हर स्थिति में उठाया जाएगा। उनकी इस टिप्पणी ने केंद्र-राज्य संबंधों में तनाव को और बढ़ा दिया है।