लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने सरकार के खिलाफ तीखे आरोप लगाए। उन्होंने महंगाई, रोजगार और कानून व्यवस्था के मुद्दों को उठाते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। आजाद ने कहा कि देश की 80 करोड़ जनता को केवल 5 किलो राशन पर गुजारा करना पड़ रहा है, जो कि सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
एससी-एसटी के बजट में कटौती पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट दूसरी योजनाओं में डाल दिया गया है, जो कि अत्यंत अन्यायपूर्ण है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा, “जो मिलता है, उसे मत छीनो भाई।” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वे समाज के कमजोर वर्ग के हक के लिए आवाज उठा रहे हैं।
चंद्रशेखर आजाद ने सवाल उठाया कि जब देश में इतने सारे रिक्त पद हैं, तो सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि यह समय है जब सरकार को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए और गरीब और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। उनका यह भाषण संसद में एक नई चर्चा को जन्म देने वाला साबित हुआ है।