आरती: आरती अपनी मां के साथ पुलिस में अपने पति एवं ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत करने जाती है। वहां की ऑफिसर लड़की से पूछती है, “क्या तुम्हारा पति तुम्हें मारता है? क्या वह तुमसे अपने मां-बाप से कुछ मांग कर लाने के लिए कहता है? क्या वह तुम्हें खाने-पहनने को नहीं देता है? क्या तेरे ससुराल वाले कुछ भला-बुरा कहते हैं? क्या वह तेरा ख्याल नहीं रखते?”
इन सब सवालों के जवाब में लड़की ने कहा, “नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है।” इस पर लड़की की मां बोली, “मेरी बेटी बहुत परेशान रहती है, वे सब मिलकर उसे परेशान करते हैं।” ऑफिसर मामला समझ गई और उसने लड़की की मां से पूछा, “बहन जी, क्या आप घर में दही जमाती हैं?” लड़की की मां ने कहा, “हाँ।”
ऑफिसर ने पूछा, “तो जब दही जमाती हैं, तो बार-बार दही को उंगली मारकर जांचती हैं?” लड़की की मां बोली, “अगर बार-बार उंगली मारकर जांचती रहूंगी, तो दही कहाँ जमेगा? वो तो खराब हो जाएगा।”
ऑफिसर बोली, “तो बहन जी, इस बात को समझिए। शादी से पहले आपकी लड़की दूध थी, अब उसको जमकर दही बनना है। आप बार-बार उंगली मारेंगी, तो वह ससुराल में बसगी कैसे? आपकी लड़की ससुराल में परेशान नहीं है, आपकी दखलअंदाजी उसके घर की परेशानी का कारण है। उसे उसके ससुराल में ही एडजस्ट होने की शिक्षा दीजिए, जिसकी आज समाज में बहुत जरूरत है।”
प्यार दोस्तों, यह बात सिर्फ आरती के माता-पिता के लिए ही नहीं बल्कि लड़के के माता-पिता के लिए भी है कि वे भी अपने बेटे की जिंदगी में दखलअंदाजी ना करें और अपने बेटे को शादीशुदा जीवन में एडजस्ट करने, पत्नी का आदर-सम्मान करने, उसका ख्याल रखने और उसकी रक्षा करने की शिक्षा दें।