शादी के 3 साल हुए थे और 1 दिन सुधा के मन में ख्याल आया, क्या होगा अगर मैं अपने पति दिनेश को छोड़कर चली जाऊं? दिनेश का रिएक्शन क्या होगा? फिर वह क्या करेगा?
इसी विचार के चलते सुधा ने दिनेश की परीक्षा लेने के लिए एक चिट्ठी लिखी.. उसमें लिखा, “आपके साथ रहकर बोर हो गई हूं। मुझे अब इस गृहस्थी से कोई लगाव नहीं है। मैं तुम्हारे साथ एक पल भी नहीं रह सकती इसलिए मैं तुम्हें और इस घर को छोड़कर जा रही हूं।” उसने वो चिट्ठी टेबल पर रखी और खुद बेड के नीचे जाकर छुप गई!
थोड़ी देर बाद दिनेश ऑफिस से घर लौटा। उसे घर में सुधा कहीं नहीं दिखी। फिर उसकी नजर टेबल पर रखी चिट्ठी पर पड़ी। चिट्ठी को उठाकर उसने पढ़ा। थोड़ी देर तक बिल्कुल शांत रहा, कुछ नहीं बोला।
फिर उसने उसी चिट्ठी में पीछे कुछ लिखा और अपने मोबाइल में गाने बजाकर जोर-जोर से नाचने लगा! फिर उसने अपने कपड़े बदले और अपनी एक फ्रेंड को फोन लगाया और कहने लगा… “मैं आज आजाद हो गया हूं!! मेरी बीवी को आखिरकार ये एहसास हो गया कि वह मेरे काबिल नहीं है… इसलिए वह खुद ही मुझे छोड़कर हमेशा के लिए चली गई है और मैं अब आजाद हो गया हूं। तुमसे अभी सामने वाले बगीचे में मिलना चाहता हूं। फटाफट वहां आकर मुझे मिलो…” ऐसा कहकर दिनेश घर के बाहर निकल गया!
दोनों आंखों में आंसू की धारा लिए सुधा बेड के नीचे से बाहर निकली। उसके हाथ थरथर कांप रहे थे.. कांपते हाथों से उसने टेबल पर रखी वो चिट्ठी उठाई और पढ़ी जिसमें दिनेश ने लिखा था… “अरे पगलेट, तुम्हें तो ठीक से छुपना भी नहीं आता! बेड के नीचे से तुम्हारे पैर दिख रहे हैं।
तुम जल्दी से गरमा गरम चाय बनाओ, मैं सामने के दुकान से बिस्किट लेकर आता हूं।
मेरे जीवन में खुशी तुम्हारे आने से है। आधी खुशी तुझे सताने में है और आधी तुझे मनाने में… आखिर लास्ट में तो हम दोनों ही साथ रहेंगे ना!
कभी हम झगड़े, एक दूसरे की टांग खींचे। एक दूसरे को बुरा भला कहें, फिर भी एक दूसरे पर दादागिरी करने के लिए लास्ट में तो हम दोनों ही रहेंगे ना!
जो बोलना है बोलो, जो करना है करो। जब चश्मे गुम जाएंगे तब एक-दूसरे के चश्मे ढूंढने के लिए लास्ट में तो हम दोनों ही रहेंगे ना!
कभी मैं रूठूं तो तुम मुझे मनाना, कभी तुम रूठो तो मैं तुझे मना लूंगा… एक दूसरे को लाड लड़ाने के लिए आखिर में तो हम दोनों ही होंगे ना!
जब नजर कम आएगा, सुनाई भी कम देगा, तब एक दूसरे में एक दूसरे को ढूंढने के लिए हम दोनों ही होंगे ना!
जब घुटनों में दर्द बढ़ जाएगा, कहीं आना-जाना भी बंद हो जाएगा, तब एक दूसरे के नाखून काटने के लिए तो हम दोनों ही होंगे ना!
“मेरी रिपोर्ट तो बिल्कुल क्लियर है, आई एम ऑल राइट।” बोलकर एक दूसरे को चिढ़ाने के लिए आखिर तो हम दोनों ही होंगे ना!
जब हम दोनों का साथ छूटेगा, अंतिम विदाई होगी… तब एक दूसरे को माफ करने के लिए आखिर हम दोनों ही होंगे ना!
आखिर में सिर्फ हम और सिर्फ हम दोनों ही होंगे ना!!!”