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“सबसे पहले लाइफ़ इंश्योरेंस” अभियान की मदद से बीमा जागरूकता समिति “सबसे पहले सुरक्षा” पर आधारित वित्तीय योजना को बढ़ावा देती है

मुंबई, 14 जुलाई, 2025: दिसंबर 2023 के एनआईए अध्ययन (i) के अनुसार, भारत एक उल्लेखनीय जीवन बीमा सुरक्षा की कमी से जूझ रहा है। इस कमी का अंतर 2019 में 83% से बढ़कर 2023 में 87% हो गया है। 18 से 35 वर्ष की उम्र के लोगों में 90% से ज़्यादा की यह कमी और भी ज़्यादा साफ़ तौर पर दिखाई देती है। यह बढ़ती असुरक्षा परिवारों की वित्तीय सुरक्षा (फ़ाइनैंशियल सेक्योरिटी) और उम्मीदों के लिए एक गंभीर खतरा है।

इसकी व्यापक्ता से जुड़ी चुनौती से निपटने के लिए ही भारत में सभी जीवन बीमा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली “बीमा जागरूकता समिति” (इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी) ने अपने राष्ट्रीय अभियान “सबसे पहले लाइफ़ इंश्योरेंस” के अगले चरण की शुरुआत की है। यह पहल हर भारतीय को एक नए उत्साह के साथ लाइफ़ इंश्योरेंस को अपनी वित्तीय यात्रा की बुनियाद मज़बूत बनाने, बढ़ती जागरूकता को सार्थक कार्रवाई में बदलने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

अपने मूल में, यह अभियान बुनियादी वित्तीय सुरक्षा की उपेक्षा करते हुए बचत और निवेश को प्राथमिकता देने की आम आदत को चुनौती देता है। यह इस पर ज़ोर देता है कि लाइफ़ इंश्योरेंस (जीवन बीमा) किसी भी सुरक्षित वित्तीय योजना की शुरुआत होनी चाहिए। क्योंकि इससे बच्चों की शिक्षा, घर खरीदने और सेवानिवृत्ति जैसे लॉन्ग-टर्म लक्ष्य हासिल करने के लिए एक मज़बूत आधार मिलता है।

भरोसेमंद कहानी सुनाने और भावनात्मक रूप से दिल-दिमाग में बैठने वाले आख्यानों के ज़रिए, यह अभियान रोज़मर्रा के उन पलों में जान फूँक देता है जो सही मायनों में दाँव पर लगे हैं। यह अभियान न सिर्फ़ एक अनुबंध के रूप में, बल्कि जीवन के एक औज़ार के रूप में लाइफ़ इंश्योरेंस को उसकी खास जगह देता है, जैसे सपनों की रक्षा करना, परिवारों का सहारा बनना और मन की शांति देना।

उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव लाने और जीवन बीमा समाधानों के बारे में जागरूकता फैलाने और इसकी पहुँच बढ़ाने के लिए इस अभियान की योजना एक साल तक चलने वाली एक नई पहल के रूप में तैयार की गई है। इसकी पहुँच लोगों तक हो और उन्हें यह हमेशा याद रहे, इसके लिए इसे टेलीविज़न, डिजिटल, प्रिंट, आउटडोर आदि सहित कई मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर लागू किया जाएगा।

इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी (IAC-Life) के एक सदस्य ने कहा, “सबसे पहले तो यह जान लें कि लाइफ़ इंश्योरेंस” सिर्फ़ एक नारा नहीं है, बल्कि यह समय की एक साफ़-साफ़ पुकार है कि हम वित्तीय योजना से कैसे जुड़ते हैं, उसके लिए क्या करते हैं। हम अक्सर धन कमाने की कोशिशों में उसकी सुरक्षा को नज़रअंदाज़ करते हैं और यह सोचते हैं कि “बाद में देखा जाएगा।” इस अभियान का उद्देश्य इसी मानसिकता को बदलना है। धन कमाने के बाद उसे बचाना भी ज़रूरी होता है। यह वित्तीय सुरक्षा को सबसे पहले रखना का मामला है, अपने सपने पूरे करने से पहले उनकी सुरक्षा पक्की करने का मामला है। जिस तरह हर संरचना को एक मज़बूत बुनियाद  की ज़रूरत होती है, उसी तरह हमें हर वित्तीय योजना को लाइफ़ इंश्योरेंस के आधार पर रखना चाहिए। हमारा लक्ष्य जागरूकता को कार्रवाई में बदलना है, यह पक्का करना है कि कोई भी भारतीय परिवार आर्थिक रूप से परेशान न हो।”

इस अभियान का उद्देश्य लाइफ़ इंश्योरेंस को “एक ऐसा अच्छा विकल्प होना चाहिए” के बजाय “वित्तीय योजना का सबसे पहला घटक होना चाहिए” के रूप में बदलना है। इस चरण के हिस्से के रूप में, बीमा जागरूकता समिति ने “डिजिटल नॉलेज हब” https://www.sabsepehlelifeinsurance.com/ भी तैयार किया है, जो अभियान के एक प्रमुख घटक के रूप में काम करता है। यह पोर्टल आसान और मूल्यवान संसाधन मुहैया करवाएगा जो लोगों को कवरेज की ज़रूरतें पूरी करने और उन्हें जानकारी से भरपूर विकल्प बनाने के लिए तैयार करेगा।

यह पहल सुरक्षा की कमियों को कम करने की व्यापक कोशिशों के साथ भी जुड़ती है, जिसमें IRDAI का 2024 का आदेश शामिल है और इसमें जीवन बीमाकर्ताओं को 25,000 ग्राम- पंचायतों (ii) में कम से कम 10% ज़िंदगियों को कवर करने की ज़रूरत है। ये कोशिशें इस पूरे जीवन बीमा उद्योग में व्यापक सुधारों के लिए बेहद ज़रूरी होंगी और जो विश्वास में सुधार करेंगी। साथ ही, यह सकारात्मक धारणाओं को भी मज़बूत बनाएँगी। IRDAI ने भारतीय बीमा सांख्यिकी 2023-24 पर अपनी हैंडबुक में खुलासा किया है कि भारत के बीमाकर्ताओं ने संचयी रूप से, वित्तवर्ष 2023-24 के लिए जीवन बीमा पॉलिसी के 96.82% दावों का निपटान 30 दिनों (iii) के भीतर किया है। यह उद्योग, वर्तमान में 9.5% CAGR (iv) की दर से बढ़ रहा है और अगले दशक में 10.5% (v) की दर से बढ़ने का अनुमान है। यह अधिकांश वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

हम सभी यह जानते हैं कि भारत $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का अपना लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सहयोग देने के लिए “बीमा जागरूकता समिति” लाइफ़ इंश्योरेंस को पहला कदम बनाकर अपने परिवार के भविष्य की रक्षा के लिए हर एक भारतीय को प्रोत्साहित करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

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