पूर्वी की जिंदगी अंधेरे में डूबी हुई थी। पति पंकज की धोखेबाजी ने उसे गहरे घाव दिए थे, और अब उसकी आत्महत्या करने की सोच ने उसके मन को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। रात के अंधेरे में, उसने अपने अंतिम निर्णय को लेकर सोचा और खुद को खत्म करने की योजना बनाई थी।
जब वह अपने बेटे की जान को लेकर गहरे सोच में थी, अचानक से उसके बच्चे जाग गए। छोटे बेटे के गिरने और बेटी के डर के मारे चिल्लाने की आवाज ने उसे झकझोर दिया। पूर्वी ने अपने दोनों बच्चों को गले से लगा लिया और उनके साथ सो गई। सुबह, गंगू के आने से उसकी नींद टूटी और उसने सुना कि एक पड़ोसी की बहू ने आत्महत्या कर ली थी।
गंगू की बातों ने पूर्वी के दिल को छू लिया। गंगू ने जीवन के अनुभव से कहा कि आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। उसने पूर्वी को बताया कि जीवन में उतार-चढ़ाव होते हैं, लेकिन इसके लिए जान देना उचित नहीं है। गंगू ने कहा कि किसी के लिए मरना ठीक नहीं है जो आपकी कदर नहीं करता। असली प्यार और परवाह उन लोगों से होती है जो आपकी ज़िंदगी में हैं, आपके परिवार और आपके बच्चे।
गंगू की बातों ने पूर्वी को आत्मविश्लेषण करने पर मजबूर किया। गंगू ने उसे समझाया कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है और उसे व्यस्त रहना चाहिए। उसने पूर्वी को स्कूल में काम करने का सुझाव दिया और प्रिंसिपल से संपर्क करने की सलाह दी। पूर्वी ने गंगू की सलाह मानते हुए एक नई शुरुआत करने का फैसला किया और अपने सर्टिफिकेट निकालने लगी।
पूर्वी की कहानी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि जीवन में मुश्किलें आती हैं, लेकिन आत्महत्या इसका समाधान नहीं है। अपने जीवन को बचाने और उसे संजोने के लिए हमें संघर्ष करना चाहिए। पति-पत्नी के रिश्ते में आए संकटों का सामना धैर्य और साहस के साथ करना चाहिए, न कि आत्महत्या जैसे समाधान से। गंगू की सच्ची सलाह और समर्थन ने पूर्वी को एक नई दिशा दी और उसने जीवन को एक नई आशा के साथ जीने का संकल्प लिया।