भाजपा की संगठनात्मक क्षमता: भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी प्रचार में अपने कार्यकर्ताओं की मज़बूती और जमीनी स्तर पर काम को बेहतर तरीके से लागू किया। भाजपा ने स्थानीय मुद्दों को उठाने में सफलतापूर्वक कांग्रेस को चुनौती दी।
जातिवाद और राजनीतिक भूमिका: हरियाणा में जातिवाद की राजनीति का गहरा प्रभाव है। भाजपा ने विभिन्न जातियों के साथ संबंध बनाते हुए उनके वोट हासिल करने में सफलता पाई, जबकि कांग्रेस इस मामले में पीछे रह गई।
स्थानीय मुद्दों पर ध्यान की कमी: कांग्रेस Congress Haryana ने चुनाव में स्थानीय मुद्दों और मतदाताओं की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित नहीं किया। इससे उनके साथ जुड़ने वाले कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उभरे नहीं।
लोकप्रियता में कमी: कांग्रेस Congress Haryana की छवि और पहचान में कमी आई, जिससे वे आम जनता के बीच प्रभावी ढंग से अपनी बात रखने में असफल रहे। इसके विपरीत, भाजपा ने अपनी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से जनता में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया।
इन सभी कारणों ने मिलकर कांग्रेस की हरियाणा में स्थिति को कमजोर किया, जिससे उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।