दोस्तों, आज की कहानी बेहद मजेदार है। इसमें हम दो दोस्तों की बात करेंगे।
रोहन और विवेक बचपन से ही बहुत अच्छे #मित्र थे। वैसे तो दोनों ही समझदार थे, पर जहाँ रोहन दिल से सोचता था, वहीं विवेक हमेशा दिमाग से। दोनों कई बार यह बात कर चुके थे कि एक दिन वो #दुनिया की सैर करेंगे और मरने से पहले वो सब करेंगे जो उनके #दिल में है। लेकिन जब भी विवेक कहता, “चलो यार, आज से ही वो सब शुरू करते हैं जो करना है,” तो रोहन कहता, “अभी नहीं यार, मेरे ऊपर अभी कई #जिम्मेदारियां हैं। वो खत्म हो जाएँ, फिर करेंगे।”
विवेक जानता था कि इस तरह उनकी इच्छाएँ कभी पूरी नहीं होंगी। उसे कोई तरीका ढूंढना था जिससे रोहन को यह बात समझ आ सके।
एक दिन दोनों किसी दूसरे गाँव की तरफ जा रहे थे। रास्ते में एक नदी आई। विवेक किनारे बैठ गया और #नदी के पानी को देखने लगा। रोहन को लगा कि विवेक थक गया है, इसलिए किनारे आराम कर रहा है। कई घंटे बीत गए, लेकिन विवेक वहीं बैठा पानी को देखता रहा। तब रोहन ने पूछा, “भाई, तुम ऐसे किनारे पर क्यों बैठे हो? हमें आगे नहीं चलना?”
विवेक ने जवाब दिया, “चलेंगे, ज़रूर चलेंगे। बस #नदी का सारा पानी बह जाने दो, फिर आराम से उस पार चलेंगे।”
रोहन गुस्से में बोला, “तुम कैसी #बेवकूफी की बातें कर रहे हो? भला नदी का पानी कभी खत्म होता है? ऐसे तो हम कभी उस पार नहीं जा पाएंगे।”
विवेक मुस्कराते हुए बोला, “अच्छा, तो तुम्हें यह समझ में आता है? फिर भी तुम अपनी जिंदगी की नदी में #जिम्मेदारियों का पानी बह जाने का इंतजार कर रहे हो, और बचपन से जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने से #दूर भाग रहे हो।”
रोहन को अब सारी बात समझ में आई। उसे एहसास हुआ कि जिम्मेदारियाँ कभी खत्म नहीं होतीं। इसलिए अब वो अपनी इच्छाओं को टालता नहीं रहेगा।
#जिंदगी के सफर में #सपनों को भी पूरा करना जरूरी है। चाहे जिम्मेदारियाँ कितनी भी हो, अगर हम सिर्फ इंतजार करते रहेंगे, तो हमारे सपने हमेशा अधूरे रह जाएंगे। इसलिए, आज से ही छोटे-छोटे कदम उठाकर अपनी इच्छाओं को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना शुरू करें।