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The rainy night and the strength of family: the beginning of a new chapter
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बारिश की रात और परिवार की ताकत: एक नए अध्याय की शुरुआत

अरुण अपने ऑफिस में बैठा हुआ मुस्कुरा रहा था कि तभी उसका दोस्त नितिन उससे बोला, “क्या बात है, अरुण? बड़ी मुस्कुराहटें छूट रही हैं। बड़ी देर से देख रहा हूँ, अकेले-अकेले मुस्कुराए जा रहे हो।”
अरुण ने हंसते हुए जवाब दिया, “हाँ मेरे दोस्त, तुम तो जानते हो कि कुछ दिनों बाद मेरी शादी होने वाली है। बस अपनी सुहाग रात के बारे में इमेजिन करके ही मुस्कुरा रहा हूँ।”
नितिन ने कहा, “हाँ हाँ, जानता हूँ। 10 दिन बाद तुम्हारी शादी है और तुम्हारे घर की सजावट देखकर लगता है कि मानो कि तुम दुल्हा आज ही बनने वाले हो।”
अपने दोस्त नितिन की बात सुनकर अरुण हंसते हुए बोला, “मैं अपने परिवार में इकलौता लड़का हूँ, इसलिए मेरे माता-पिता के भी बहुत अरमान हैं। अब मैं चलता हूँ।” इतना बोलकर अरुण सीधा अपने घर पर आ गया।
मगर घर पर जाकर उसने देखा कि उसके पिता आलोक और उसकी मां कनिका मुंह लटकाए हुए बैठे थे। अरुण अपनी मां की ओर देखकर बोला, “क्या हुआ मां? आपके और पिताजी के चेहरे पर यह उदासी क्यों?”
अरुण की बात सुनकर उसके पिता आलोक उसकी ओर देखकर गंभीर लहजे में बोले, “अरुण, मुझे जिस बात का डर था वही हुआ।”
“डर? लेकिन किस बात का?” अरुण ने पूछा।
“अभी कुछ देर पहले तुम्हारी होने वाली सास का फोन आया था। उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि तुम्हारी और शिल्पा की शादी एक ही शर्त पर हो सकती है,” आलोक ने कहा।
“कौन सी शर्त?” अरुण ने पूछा।
“यही कि तुम्हारी छोटी बहन काजल का विवाह तुम्हारी होने वाली पत्नी के भाई राहुल से करा दिया जाए। और तो और, तुम्हारी सास ने यह भी शर्त रखी है कि तुम्हारी और शिल्पा की शादी और काजल-राहुल की शादियां एक ही दिन हों।”
अपने पिता की बात सुनकर अरुण हंसते हुए बोला, “अरे तो इसमें इतना टेंशन लेने वाली क्या बात है, पिताजी। राहुल काजल को पसंद करता है और मैं राहुल को जानता हूँ, वो अच्छा लड़का है। और एक ना एक दिन हमें काजल का विवाह तो करना ही था।”
“तुम्हारी बात तो सही है बेटा, लेकिन अभी हम सोच रहे थे कि हमारी बेटी कुछ वर्ष और हमारे साथ रहती तो ज्यादा अच्छा होता,” उसकी मां ने कहा।
“चिंता क्यों करती हो, मां? अगर तुम्हारी एक बेटी जाएगी तो दूसरी बेटी आ भी जाएगी यानी कि मेरी पत्नी,” अरुण ने हंसते हुए कहा और अपने रूम में चला गया।
कुछ दिनों बाद अरुण और शिल्पा का विवाह हो गया। शिल्पा अरुण की पत्नी बनकर घर पर आ गई, तो वहीं अरुण की बहन काजल शिल्पा के भाई राहुल की पत्नी बनकर उसके घर चली गई। सुहागरात में काजल गुस्से से बेड पर बैठी हुई थी कि तभी वहां पर राहुल एक गुलाब का फूल लेकर आया और मुस्कुराता हुआ काजल की ओर देखकर बोला, “जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था, मुझे तभी तुमसे पहली नजर में ही प्रेम हो गया था।”
राहुल की बात सुनकर काजल गुस्से भरी नजरों से उसकी ओर देखकर बोली, “आपको प्रेम हुआ होगा, लेकिन मुझे नहीं हुआ।”
राहुल चौंकते हुए बोला, “तुम कहना क्या चाहती हो?”
“यही कि मैं अच्छी खासी कॉलेज जा रही थी पर आपकी वजह से मेरा कॉलेज भी छूट गया और मेरी पढ़ाई भी अधूरी रह गई। जब आप मुझसे प्यार ही करते थे और मुझसे शादी करना चाहते थे, तो शादी एक या दो साल बाद कर लेते तो क्या बिगड़ जाता आपका?” काजल ने नाराजगी भरे लहजे में कहा।
काजल की मासूमियत भरी बातें सुनकर राहुल ने काजल का हाथ पकड़ने की कोशिश की, पर काजल ने अपना हाथ दूर हटाते हुए कहा, “देखिए जी, मेरी शादी आपसे अचानक हुई है, इसलिए मैं अभी भी आपसे अनकंफर्टेबल महसूस कर रही हूँ। तो प्लीज, मुझे हाथ मत लगाइए। जब मुझे लगेगा कि मैं आपके साथ घुल-मिल गई हूँ, तभी मैं आपको हाथ लगाने की इजाजत दूंगी।”
अपनी पत्नी काजल की बात सुनकर राहुल कुछ देर चुप रहकर गंभीर अवस्था में काजल को देखकर बोला, “सबसे पहले तो मैं तुमसे माफी मांगना चाहता हूँ, काजल। मैं समझता था कि तुम भी मुझसे प्रेम करती हो, मगर मेरी वजह से तुम्हारी पढ़ाई अधूरी रह गई। तुम जैसा चाहती हो, मैं वैसा ही करूंगा। बस तुम यह बात घर में किसी को मत बताना, नहीं तो वह तुम्हें गलत समझेंगे और मैं नहीं चाहता कि कोई मेरी पत्नी को गलत समझे।”
इधर, शिल्पा अपने कमरे में अरुण का इंतजार कर रही थी कि तभी तेज हवा के साथ भयंकर वर्षा शुरू हो गई। वर्षा को देखकर शिल्पा के चेहरे पर चिंता की लकीरें आ गईं।
अरुण जब कमरे में आया, तो शिल्पा को चिंतित देखकर बोला, “क्या हुआ शिल्पा? तुम्हारे चेहरे पर यह टेंशन कैसी है? तुम्हारी तबीयत तो ठीक है?”
शिल्पा ने कहा, “बाहर बारिश बहुत तेज हो रही है और आप तो जानते हैं ना कि मेरा घर जी कॉलोनी के पास पड़ता है। वहां से डैम नजदीक ही है और वह भी फुल चल रहा है। मुझे डर है कि कहीं डैम से पानी बाहर ना निकल जाए।”
“बहुत तो तुम सही कह रही हो, लेकिन तुम चिंता मत करो। डैम का पानी तुम्हारी कॉलोनी तक आता है लेकिन यहां तक नहीं आता। अगर बारिश कुछ देर तक नहीं रुकी, तो मैं तुम्हारे परिवार को यहीं बुला लूंगा,” अरुण ने कहा।
अरुण की बात सुनकर शिल्पा मुस्कुराने लगी। अरुण और शिल्पा अपनी सुहाग रात में काफी देर तक बातें करते रहे, मगर बारिश रुकने की बजाय लगातार और तेज होती गई। तभी शिल्पा की नजर घड़ी पर चली गई जो कि रात के 2 बजा रही थी।
शिल्पा ने अरुण से कहा, “पिछले दो घंटे से बारिश लगातार हुई जा रही है। मुझे लगता है कि आपको घर पर फोन करके पूछ लेना चाहिए कि सब कुछ ठीक तो है।”
इधर काजल बेड पर आंखें बंद किए हुए लेटी हुई गहरी सोच में गुम थी और राहुल जमीन पर बिस्तर बिछाकर लेटा हुआ था कि तभी राहुल की मां जोर-जोर से आवाजें लगाने लगीं, “अरे राहुल बेटा, जल्दी बाहर आओ! अपने घर में पानी भरना शुरू हो गया है। लगता है डैम से पानी बाहर निकल आया है। हमें तुरंत यहां से निकलना होगा।”
अपनी मां की बात सुनकर राहुल बुरी तरह से डर गया और काजल से बोला, “काजल, जल्दी उठो!”
काजल ने पूछा, “क्या हुआ?”
“हमारी कॉलोनी डेम के पास ही पड़ती है और बारिश काफी देर से हो रही है। लगता है या तो डेम टूट गया है या डेम का पानी बाहर निकल आया है। हमें तुरंत यहां से निकलना होगा,” राहुल ने कहा। इतना बोलकर राहुल दरवाजा खोलकर बाहर आ गया।
कुछ देर पहले दामाद जी का फोन आया था। वो कह रहे थे कि जब तक सब कुछ ठीक नहीं हो जाता, तब तक हम सब वहीं पर चले जाएं। लेकिन मां, क्या जीजा जी के घर पर जाना सही रहेगा? हम किसी होटल में नहीं रुक सकते?”
“नहीं, नहीं, दामाद जी ने फोन किया है। अगर हम लोग होटल में जाएंगे तो वह बुरा मान जाएंगे। चलो जल्दी चलो,” राहुल की मां ने कहा।
कुछ ही देर में, राहुल काजल के साथ काजल के घर पर ही बैठा हुआ था कि तभी काजल के घर के अंदर भी पानी भरना शुरू हो गया। यह देखकर अरुण के पिता आलोक, राहुल की मां से बोले, “घबराइए नहीं, समधन जी। मैं, कनिका, और आप पड़ोस की ताई के घर पर बने हुए ऊपर के कमरे में सो जाएंगे। उनका ऊपर वाला रूम खाली रहता है, और राहुल और काजल अरुण के कमरे में सो जाएंगे। मुझे विश्वास है, सुबह तक सब सही हो जाएगा।”
आलोक अपनी पत्नी और अपनी समधन को लेकर पड़ोस की ताई के घर पर चले गए और राहुल और काजल अरुण और शिल्पा के ऊपर वाले रूम में पहुंच गए। राहुल ने देखा कि अरुण गहरी नींद में बेड पर सो रहा था। राहुल की बहन अरुण को उठाने ही वाली थी कि तभी राहुल अपनी बहन से बोला, “जीजा जी को मत उठाइए। मैं और काजल जमीन पर ही सो जाएंगे। मां को फोन करने के बाद ये तो घोड़े बेचकर सो गए!”
राहुल ने कहा, “अरे, थके हुए होंगे। कोई बात नहीं,” शिल्पा ने मुस्कुराते हुए कहा। “तुम दोनों जमीन पर क्यों सोओगे? मैं और अरुण बेड पर थोड़ी जगह छोड़ देंगे, तुम दोनों बेड पर ही सो जाओ।”
राहुल ने कहा, “नहीं बहन, तुम और जीजा जी आराम से सो जाओ। हम जमीन पर ही सो लेंगे। वैसे भी हम ज्यादा थके हुए नहीं हैं।”
शिल्पा ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है, जैसा तुम्हें सही लगे। लेकिन अगर किसी चीज़ की जरूरत हो तो बेझिझक कह देना।”
राहुल और काजल नीचे बिछे बिस्तर पर लेट गए। काजल के मन में चिंता थी कि अब उनके घर के हालात क्या होंगे। काजल ने कहा, “राहुल, क्या हमें वापस अपने घर की हालत देखने जाना चाहिए?”
राहुल ने उसके हाथ को पकड़कर कहा, “नहीं, काजल। इस वक्त वहां जाने का कोई मतलब नहीं है। जब तक बारिश रुकेगी नहीं, वहां का हाल नहीं सुधरेगा। हमें सुबह तक इंतजार करना होगा।”
काजल की चिंता बढ़ती जा रही थी। उसने कहा, “मुझे डर लग रहा है, राहुल। अगर कुछ हो गया तो?”
राहुल ने उसे सांत्वना दी, “कुछ नहीं होगा। हम सभी सुरक्षित हैं और यही सबसे महत्वपूर्ण बात है। हम सुबह सब कुछ ठीक कर लेंगे।”
राहुल और काजल बिस्तर पर लेट गए, लेकिन काजल को नींद नहीं आ रही थी। उसकी आंखों में घर की चिंता और दिल में डर था। इधर, शिल्पा भी चिंतित थी लेकिन उसने अपने डर को शांत करने की कोशिश की। आखिरकार, उसकी नई जिंदगी की शुरुआत थी और वह इस खुशी को संजोना चाहती थी।
सुबह हुई, बारिश थमी और सब लोग बाहर आए। डैम का पानी रुक चुका था ! काजल और राहुल के घर में पानी घुसने से थोड़ा नुकसान हुआ था, लेकिन उन्होंने मिलकर उसे ठीक कर लिया। अरुण, शिल्पा, और उनके परिवार ने भी इस मुश्किल समय में उनका पूरा साथ दिया।
इस अनुभव ने काजल और राहुल को यह सिखाया कि जीवन में समस्याएं आती-जाती रहती हैं, लेकिन अगर हम एक-दूसरे का साथ दें और मिलकर उनका सामना करें, तो हम हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। इस अनुभव से काजल और राहुल के बीच का बंधन और मजबूत हो गया।
काजल ने अपनी पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया, ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सके। राहुल ने भी उसका पूरा साथ देने का वादा किया। दोनों ने मिलकर अपने भविष्य की नई योजनाएँ बनाईं और खुशी-खुशी एक नई शुरुआत की।
सबके चेहरों पर मुस्कान थी, और परिवार के इस मजबूत बंधन ने उन्हें एहसास दिलाया कि जब तक हम साथ हैं, हम हर तूफान का सामना कर सकते हैं। और इस तरह, इस कठिन समय के बावजूद, सबने मिलकर खुशी और सीख के साथ एक नए दिन की शुरुआत की।
इस घटना ने सबको यह सिखाया कि जीवन में परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें पार किया जा सकता है। और कभी-कभी, एक अनचाही स्थिति भी हमें कुछ महत्वपूर्ण सिखा सकती है और हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती है।

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