मरीजों ने समर्थन किया
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने न्याय की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इस आह्वान पर देशभर के कई हिस्सों में कई अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद हो गई हैं।
आईएमए के द्वारा किए गए इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य उन गंभीर मुद्दों को उजागर करना है, जो मेडिकल संस्थानों में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर खड़े हो रहे हैं। हड़ताल के तहत, कई अस्पतालों में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू हैं, जबकि नियमित ओपीडी सेवाओं को स्थगित कर दिया गया है।
इस हड़ताल के समर्थन में मरीजों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। एएनआई से बात करते हुए कई मरीजों ने हड़ताल का समर्थन किया और कहा कि महिला सुरक्षा की समस्या के सामने छोटी-मोटी असुविधाएं मायने नहीं रखतीं। उन्होंने बताया कि वे जानते हैं कि इस हड़ताल से उन्हें कुछ असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यह जरूरी है कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ध्यान दिया जाए। मरीजों ने यह भी कहा कि इस समय न्याय की आवश्यकता है और उन्हें विश्वास है कि इस हड़ताल के माध्यम से उचित कार्रवाई होगी।
इस हड़ताल ने देशभर में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि महिला सुरक्षा की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इस पर गंभीरता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। आईएमए की इस हड़ताल ने मेडिकल क्षेत्र में महिला कर्मचारियों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर एक नई चेतना पैदा की है।