National News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू Mohamed Muizzu 07 अक्टूबर को भारत की यात्रा पर आने वाले हैं, जो दोनों देशों के बीच हाल के विवादों के बाद एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह पहली बार होगा जब मुइज्जू Mohamed Muizzu सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi से मुलाकात करेंगे। इससे पहले न्यूयॉर्क में आयोजित यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र महासभा) के दौरान, मुइज्जू Mohamed Muizzu ने भारत आने की अपनी मंशा व्यक्त की थी। उनका कहना था कि भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ‘बहुत मजबूत’ बनाना उनकी प्राथमिकता है।
मुइज्जू Mohamed Muizzu की सरकार ने हाल के समय में भारत के साथ संबंधों में सुधार के लिए कदम उठाए हैं। पहले की सरकारों की तरह, उनकी पार्टी का प्रमुख चुनावी मुद्दा भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाने का था। ‘इंडिया आउट’ अभियान के तहत उनकी पार्टी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि मुइज्जू Mohamed Muizzu के इस दौरे से किस प्रकार के नतीजे सामने आते हैं, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है।
हाल ही में, मुइज्जू ने कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जो भारत-मालदीव संबंधों के लिए अप्रत्याशित रहे हैं। उनका दृष्टिकोण इस बात की ओर इशारा करता है कि वे दोनों देशों के बीच सुलह का प्रयास कर रहे हैं। उनकी सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो पिछले प्रशासन की नीतियों के विपरीत हैं, और इससे कूटनीतिक संबंधों में उथल-पुथल मची है।
इसके अलावा, मुइज्जू Mohamed Muizzu ने जून 2024 में ‘मोदी 3.0’ के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जो यह दर्शाता है कि वे भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। यह महत्वपूर्ण है कि उनके इस दौरे से दोनों देशों के बीच संवाद की नई संभावनाएँ खुलेंगी और इससे द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
भारत-मालदीव संबंधों की गहराई को समझने के लिए यह जरूरी है कि दोनों पक्षों के बीच खुला संवाद हो। मुइज्जू Mohamed Muizzu की यात्रा इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। साथ ही, यह देखना भी दिलचस्प होगा कि इस दौरे से भारत के साथ मालदीव के संबंध कैसे विकसित होते हैं और क्या नए समझौतों या सहयोग के अवसर उत्पन्न होते हैं।
इस दौरे के माध्यम से, मुइज्जू Mohamed Muizzu न केवल अपने देश के हितों की रक्षा करना चाहते हैं, बल्कि भारत के साथ एक स्थायी और सामंजस्यपूर्ण संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के लिए लाभदायक परिणाम निकलने की उम्मीद है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में सहायक होगा।
सारांश में, मुइज्जू का भारत दौरा महत्वपूर्ण है, और इसके परिणामों पर नज़र रखना आवश्यक होगा। यह सिर्फ दो देशों के बीच के रिश्तों का मुद्दा नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है।