गुजरात का वाणिज्यिक शहर सूरत, विज़न 2047 के ज़रिए भारत के आर्थिक भविष्य को नया आकार दे रहा है। सूरत परंपरा और आधुनिकता का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत करता है। यह शहर दुनिया के 90% हीरों को प्रोसेस करता है और सिंथेटिक फ़ैब्रिक उत्पादन में भारत का नेतृत्व करता है, जो देश के कुल उत्पादन में 40% से अधिक का योगदान करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत@2047 अभियान के अंतर्गत, सूरत बुनियादी ढाँचे में सुधार और औद्योगिक विकास के माध्यम से 2047 तक भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है।
हाल ही में, नीति आयोग ने सूरत को वाराणसी, मुंबई और विजाग के साथ आर्थिक विकास के प्रमुख शहरों के रूप में मान्यता दी। सूरत ने अपनी विस्तृत आर्थिक योजना को पूरा कर, इसके रणनीतिक महत्व को उजागर किया। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा 30 अगस्त को लॉन्च की जाने वाली इस योजना में सूरत और उसके आसपास के जिलों जैसे भरूच, अंकलेश्वर, तापी, नवसारी, वलसाड और वापी को भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आर्थिक विकास क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की गई है।
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य कपड़ा, हीरा, रसायन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे प्रमुख उद्योगों को बढ़ावा देना और उनमें विविधता लाना है। इससे क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और सूरत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। इस दृष्टिकोण से, सूरत भारत की आर्थिक परिदृश्य को नया दिशा देने के लिए एक आदर्श उदाहरण बन रहा है।