Gujarat News: गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) ने हाल ही में स्तन कैंसर जागरूकता माह और विश्व धर्मशाला एवं प्रशामक देखभाल दिवस के अवसर पर महत्वपूर्ण जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य कैंसर और धर्मशाला सेवाओं के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ाना और रोगियों एवं उनके परिवारों को उचित सहायता प्रदान करना था।
स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम
स्तन कैंसर जागरूकता माह के तहत जीसीआरआई ने ‘किसी को भी अकेले स्तन कैंसर का सामना नहीं करना चाहिए’ विषय पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें 70 से अधिक कैंसर रोगियों, उनके परिवारों और अस्पताल के कर्मचारियों ने भाग लिया। चिकित्सा पदाधिकारी डा. रोहिणी पटेल ने स्तन कैंसर की रोकथाम, समय पर निदान, प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य जांच और उपचार विकल्पों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। कार्यक्रम के दौरान, स्तन कैंसर रोगियों के साहस और आशावाद को दर्शाने वाली एक प्रेरणादायक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
विश्व धर्मशाला एवं प्रशामक देखभाल दिवस
‘संकल्प के दस साल बाद: हम कितनी दूर आ गए हैं?’ विषय पर मनाए गए विश्व धर्मशाला एवं प्रशामक देखभाल दिवस में हॉस्पिस एवं पैलिएटिव केयर में पिछले दस वर्षों की उपलब्धियों को उजागर किया गया। इस दिन का उद्देश्य धर्मशाला सेवाओं और उपशामक देखभाल के महत्व को समझाना, रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और उन्हें सहायता प्रदान करना था।
इस अवसर पर विभिन्न सेमिनारों, व्याख्यानों और परामर्श सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें प्रशामक देखभाल में प्रौद्योगिकी और नई प्रणालियों के उपयोग पर चर्चा की गई। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भावना पटेल ने प्रशामक देखभाल का अर्थ बताते हुए कहा कि यह गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक आराम प्रदान करने का कार्य करती है।
जीसीआरआई के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या और उपनिदेशक डॉ. प्रीति संघवी ने कार्यक्रम का समापन करते हुए स्तन कैंसर की गंभीरता और इसके बढ़ते मामलों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने जागरूकता और सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विश्व धर्मशाला और प्रशामक देखभाल दिवस असाध्य रूप से बीमार रोगियों के जीवन में सुधार लाने के प्रयासों को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इस प्रकार, जीसीआरआई की यह पहल न केवल जागरूकता बढ़ाने का कार्य करती है, बल्कि कैंसर रोगियों और उनके परिवारों को सही जानकारी और सहायता प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।