सूरत (गुजरात) : क्या आप जानते हैं साल 2022 में 12 करोड़ से अधिक भारतीयों ने हवाई यात्रा की, जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग 50% अधिक है? बढ़ता एयर ट्रैफिक अपने साथ कई चुनतियां लेकर आता है. इन्ही में से एक है अधिक से अधिक यात्रियों के लिए बेहतर हवाईअड्डों का निर्माण.
भगवान महावीर यूनिवर्सिटी (बीएमयू) के बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर के छात्र सोनू जांगिड़ ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की डिजाइन पर अपनी असाधारण थीसिस से सभी को प्रभावित किया. वरिष्ठ आर्किटेक्ट स्नेहल पी शाह के मार्गदर्शन में, जांगिड़ के प्रोजेक्ट ने न केवल इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से तारीफ़ पाई है, बल्कि अपनी अद्भुत रिसर्च और डिजाईन के लिए कई पुरस्कार भी हासिल किए हैं.
जांगिड़ की थीसिस एक सीमित जगह में कई कार्यों को एक साथ करने का मॉडल पेश करती है. इस मॉडल में एक यात्री को बिना किसी असुविधा के यात्रा करने के साथ-साथ एअरपोर्ट पर होटल, ऑफिस स्पेस, शॉपिंग और मनोरंजन की हर सुविधा प्रदान करने का कांसेप्ट बताया गया है.
इस थीसिस के बारे में बात करते हुए सोनू जांगिड़ कहते हैं, “एयरपोर्ट्स पर होने वाली असुविधा के कारण ही मैंने यह टॉपिक चुना और इस पर गहन रिसर्च की. बीएमयू के अनुभवी प्रोफेसर्स द्वारा मिले सपोर्ट और गाइडेंस के बिना मेरे लिए यह प्रोजेक्ट कर पाना संभव नहीं होता. मेरा मार्गदर्शन करने के लिए मैं अपने सभी गुरुजनों का आभारी हूँ.”
मल्टी-यूज एअरपोर्ट का कांसेप्ट पूरी तरह से नया नहीं है, लेकिन इस अद्दभुत डिजाईन में मॉडर्नाइजेशन के साथ साथ सुन्दरता और पर्यावरण संरक्षण को भी बराबर महत्व दिया गया है. इसका उद्देश्य एक ऐसा हवाईअड्डा टर्मिनल बनाना है जो न केवल अपनी फंक्शनैलिटी को कुशलतापूर्वक पूरा करे बल्कि अत्याधुनिक वास्तुकला का एक जबरदस्त नमूना भी पेश करे.
यही नहीं एक एनर्जी-इंटेंसिव मेगा परियोजना होने के बजाय इसे सोलर और विंड एनर्जी का प्रयोग कर एनर्जी-सेविंग मेगा प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया गया है, जिसे काफी सराहा जा रहा है.
किसी भी प्रोजेक्ट में उसकी ‘लागत’ एक बहुत बड़ा फैक्टर होता है. एअरपोर्ट डिजाईन पर आधारित इस थीसिस में कॉस्ट को कण्ट्रोल करने और स्कम समय में प्रोजेक्ट को पूरा करने पर भी कई अच्छे सुझाव दिए गए हैं.
भगवान महावीर विश्वविद्यालय अपने स्टूडेंट्स को एक सही शैक्षणिक माहौल देने के लिए जानी जाती है जहाँ छात्र अपनी रचनात्मक क्षमता को प्रदर्शित कर सकते हैं. विश्वविद्यालय इनोवेटिव थिंकिंग और
व्यावहारिक अनुभव को प्रोत्साहित करता है साथ ही छात्रों को उनके चुने हुए विषयों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सभी साधन, मार्गदर्शन व उपकरण प्रदान करता है.
सोनू जांगिड़ की सफलता बीएमयू में प्रदान की जाने वाली शिक्षा और मार्गदर्शन की गुणवत्ता का प्रमाण है. आर्किटेक्चर के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने के इच्छुक विद्यार्थी बीएमयू जैसी यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनो को साकार कर सकते हैं.