गणेश चतुर्थी के आगमन से पहले भक्तों को प्रतिष्ठित लालबागचा राजा की पहली झलक देखने का सौभाग्य मिला। यह झलक 6 सितंबर को गणेश चतुर्थी से पूर्व प्रदान की गई, जब भगवान गणेश के भक्तों ने लालबागचा राजा की प्रतिमा के दर्शन किए। लालबागचा राजा, जो कि गणेश चतुर्थी के सबसे प्रसिद्ध सार्वजनिक उत्सव मंडलों में से एक है, इसकी स्थापना 1934 में पुतलाबाई चॉल, मुंबई में की गई थी।
80 वर्षों से अधिक समय से, कांबली परिवार इस भव्य मूर्ति की देखरेख कर रहा है। लालबागचा राजा की गणेश मूर्ति अपने विशेष आकार और आकर्षण के कारण भक्तों में अत्यधिक लोकप्रिय है। यह मूर्ति एक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गई है, जिसे हर वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्रद्धा और उत्साह के साथ देखा जाता है।
गणेश चतुर्थी एक दस दिवसीय उत्सव है, जो हिंदू चंद्र माह ‘भाद्रपद’ के चौथे दिन से शुरू होता है। इस साल, गणेश चतुर्थी 6 सितंबर से शुरू हो रही है और यह उत्सव 19 सितंबर तक जारी रहेगा। उत्सव का समापन ‘अनंत चतुर्दशी’ के दिन होता है, जब गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। इस अवसर पर विशेष पूजा, भजन कीर्तन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो भक्तों के बीच उत्साह और भक्ति का संचार करते हैं।
लालबागचा राजा की यह झलक, गणेश चतुर्थी के उल्लास को और भी बढ़ा देती है और भक्तों के लिए इस पावन अवसर की तैयारी को और खास बनाती है।