सूरत शहर के पलसाणा तालुका स्थित डाम्भा गांव के चलथान में श्री शिंगोड़ी माताजी के जन्मोत्सव पर इस वर्ष भी अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। यह आयोजन कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को हुआ, जो विशेष रूप से श्री शिंगोड़ी माताजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर परिसर को सुंदर ढंग से सजाया गया और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
मंदिर की सुंदर सजावट और धार्मिक अनुष्ठान
अन्नकूट महोत्सव की शुरुआत मंदिर को विशेष रूप से सजाकर की गई। मंदिर में दीपों की रौशनी और रंग-बिरंगे फूलों से सजावट की गई, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। श्री शिंगोड़ी माताजी को नए और सुंदर वस्त्र पहनाए गए, और उनका केसर स्नान कर सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरे किए गए। इसके बाद, मंदिर के पुजारियों ने आरती की और श्रद्धालुओं को माताजी के दर्शन का अवसर प्रदान किया।
अन्नकूट का आयोजन और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
अन्नकूट महोत्सव के दौरान मंदिर में विशेष रूप से भोग अर्पित किया गया, जिसे श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया गया। इस दौरान मंदिर परिसर में भारी भीड़ उमड़ी, जहां लोग भगवान की सेवा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। अन्नकूट का आयोजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक परंपरा का हिस्सा है, जिसमें श्रद्धालु श्रद्धा और भक्तिभाव से भाग लेते हैं। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भगवान के भोग को अर्पित किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजन की सफलता
यह विशेष आयोजन श्री शिंगोड़ी माताजी मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया गया। ट्रस्ट के प्रमुख और मंदिर के पुजारियों ने बताया कि यह आयोजन सालों से श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट ने इस अवसर पर सुरक्षा और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा, ताकि सभी श्रद्धालु आयोजन में आसानी से भाग ले सकें। ट्रस्ट ने इस आयोजन के माध्यम से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि का अनुभव कराया।
भक्तों का सहयोग और भागीदारी
इस आयोजन में क्षेत्र के कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके साथ ही, गांव के स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने भी अपने सहयोग से इस आयोजन को सफल बनाया। अन्नकूट महोत्सव न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह सामूहिक सहभागिता और सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुका है।
समाप्ति और आशीर्वाद
आखिरकार, अन्नकूट महोत्सव का समापन शुभ आशीर्वाद के साथ हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने माताजी से सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। सभी ने इस पवित्र अवसर पर एकजुट होकर माताजी के आशीर्वाद से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव की कामना की।
यह आयोजन गांव के लोगों के बीच धार्मिक भावना को प्रगाढ़ करने का एक माध्यम बना, और हर साल की तरह इस वर्ष भी यह एक यादगार दिन बनकर उभरा।