सूरत: गुरुवार को, गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद के छात्रों ने गांधीग्राम जीवन यात्रा कार्यक्रम के तहत महुवा तालुका के वाडिया गांव में जय किसान कृषि फार्म का दौरा किया। इस यात्रा का नेतृत्व प्रोफेसर अवनिबहन भट्ट ने किया, जिन्होंने छात्रों को प्राकृतिक कृषि के महत्व और इसके विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।
इस दौरे का मुख्य आकर्षण प्राकृतिक खेती के पांच स्तरीय जंगल मॉडल था। छात्रों को इस मॉडल के माध्यम से यह समझाया गया कि कैसे एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने से फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। छात्रों ने देखा कि कैसे इस मॉडल में विभिन्न पेड़-पौधे और फसलें एक-दूसरे के साथ सहजीवी संबंध में कार्य करती हैं, जिससे भूमि की उर्वरता बढ़ती है और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है।
प्रकाशभाई पटेल ने छात्रों को बताया कि वे किस प्रकार प्राकृतिक खेती के माध्यम से मूल्य संवर्धन कर रहे हैं। उन्होंने केले के वेफर्स, गुड़ और अन्य उत्पादों की उत्पादन प्रक्रिया और विपणन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छात्रों ने जानकर आश्चर्यचकित हुए कि महुवा तालुका के किसान न केवल स्थानीय उत्पादों का उत्पादन कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और जैविक उत्पादों को बेचकर अपने समुदाय के लोगों के लिए एक सकारात्मक योगदान भी दे रहे हैं।
इस यात्रा के दौरान, छात्रों ने महुवा तालुका के किसानों के अथक परिश्रम को सराहा। उन्होंने देखा कि किसान अपनी गायों के जरिए गाय आधारित खेती को अपनाकर न केवल अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा रहे हैं, बल्कि जैविक खाद का भी निर्माण कर रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक रूप से भी लाभ हो रहा है और वे अपने जीवन स्तर को सुधारने में सक्षम हो रहे हैं।
इस प्रकार का दौरा छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा, जिसने उन्हें प्राकृतिक कृषि के महत्व और लाभों के प्रति जागरूक किया। इस यात्रा ने छात्रों को यह सीखने का अवसर दिया कि कैसे किसान अपने ज्ञान और संसाधनों का सही उपयोग करके न केवल अपनी आजीविका सुधार सकते हैं, बल्कि पर्यावरण और समाज के लिए भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
गुजरात विद्यापीठ के छात्रों का यह दौरा कृषि, पर्यावरण और समाज के बीच के संबंध को समझने का एक अनूठा अवसर था, जिसने उनके दृष्टिकोण को और भी विस्तारित किया।