शादियाँ, एक ऐसा उत्सव जो हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन घटनाओं में से एक है। इस खास मौके पर हर कोई अपनी-अपनी भूमिका में व्यस्त रहता है, और इसी व्यस्तता में कई दिलचस्प और मजेदार पहलू सामने आते हैं। यहाँ हम उन छोटी-छोटी बातों पर एक नज़र डालेंगे जो हर शादी के आयोजन में देखने को मिलती हैं:
- खुले बालों का खेल: अक्सर शादी के समारोह में कुछ महिलाएं और लड़कियाँ खुले बालों में नजर आती हैं। वे बालों को बार-बार आगे-पीछे करने की कोशिश करती रहती हैं, जैसे कि एक विशेष संतुलन तलाश रही हों। दरअसल, ये महिलाएं यह सोचती रहती हैं कि बालों का कौन सा हिस्सा आगे रखा जाए और कौन सा पीछे, ताकि उनका लुक सबसे अलग और खूबसूरत लगे।
- दूल्हे की बहन की व्यस्तता: जब आप शादी में किसी महिला को लहंगा उठाकर इधर-उधर भागते हुए देख रहे हों और वह बेहद व्यस्त दिखे, तो समझ जाइए कि वह दूल्हे की बहन है। उसकी व्यस्तता भले ही दिखावटी हो, लेकिन उसके चेहरे की चमक और उत्साह उसे सबसे अलग कर देती है।
- दूल्हे के छोटे भाई की सजधज: अगर कोई सज-धजकर बहुत उत्साहित नजर आ रहा हो, तो वह दूल्हे का छोटा भाई होगा। वहीं, अगर कोई सजावटी दिखते हुए भी थोड़ा गंभीर सा नजर आ रहा हो, तो समझिए वह दूल्हे का जीजा है।
- भोजन स्टॉल पर विशेष मेहमान: शादी के मौके पर आपको कुछ ऐसे लोग भी मिलेंगे, जो भोजन स्टॉल की तरफ नजर तक नहीं डालते। ये लोग असल में दूल्हा-दुल्हन के परिवार के बेहद करीबी होते हैं, जो शादी के आयोजन में लगे होते हैं।
- नाचने वाले लोग: “ये देश है वीर जवानों का” जैसे गीत पर नाचने वाले लोग अक्सर वे होते हैं, जिन्हें नाचना नहीं आता या जिन्हें जबरदस्ती नचाया जा रहा होता है। खास बात यह है कि इन नर्तकों की उम्र अक्सर 45 से ऊपर होती है।
- महिलाओं की ‘सर्दीप्रूफ’ सुंदरता: महिलाएं शादी में ‘सर्दीप्रूफ’ होने का एक खास वरदान पाई होती हैं। चाहे सर्दी कितनी भी हो, वे बिना स्वेटर या शॉल के भी बेहद खूबसूरत लगती हैं।
- पटाखों की बड़ी लड़ी: शादी के जश्न में सबसे बड़ी पटाखों की लड़ी हमेशा लड़की के घर के बाहर ही फोड़ी जाती है, जैसे कि यही सबसे बड़ा उत्सव हो।
- पुराना गाना बजाना: स्टेज पर चाहे कितना भी आधुनिक संगीत बजे, लेकिन बारात के पहुँचते ही मोहम्मद रफी का गाना “बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है” जरूर बजता है।
- तालियों का खेल: चाहे दूल्हा-दुल्हन का नाच कैसा भी हो, तालियाँ हमेशा उन्हीं के लिए बजती हैं। और फोटोग्राफर भी उनका ही ध्यान रखते हैं, क्योंकि भुगतान वहीं से आएगा।
- सूखी रोटी की डिमांड: तंदूर के पास आपको अक्सर एक व्यक्ति ऐसा मिलेगा, जो सूखी रोटी की डिमांड करेगा। हालांकि, उसकी प्लेट में पहले से ही गुलाबजामुन, छोले, फ्रूट क्रीम, और पनीर बटर मसाला ठूंसा हुआ होता है। वास्तव में, वह व्यक्ति अपनी बारी से पहले रोटी लेने की कोशिश करता है।
- गोलगप्पे के स्टॉल पर एक गोलगप्पा: शादी में गोलगप्पे के स्टॉल पर केवल एक ही गोलगप्पा खाने वाले लोग दरअसल, अपनी सजगता का परिचय देते हैं। हालांकि, घर में 10 रुपये के गोलगप्पे खाकर भी सूखी पापड़ी की डिमांड करने वाले लोग भी मिलते हैं।
- बची हुई मिठाइयों का संग्रह: शादी में लाखों रुपये खर्च हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि बची हुई मिठाइयों को ताले में सहेजा जाए।
- अगले दिन का आनंद: शादी के दिन भले ही लोग कितना भी खा लें, लेकिन असली आनंद तो अगले दिन बची हुई सब्जी और मिठाइयों को गर्म करके खाने में आता है।
- रिसेप्शन में पान: रिसेप्शन में पेटभर खाना खाने के बाद भी पान जरूर खाया जाता है। ऐसा न करने पर कुछ अधूरापन महसूस होता है।
- खाने में देरी का विशेष निमंत्रण: जो मेहमान खाने में देरी की बात करें, समझ जाइए कि उन्हें विशेष पार्टी का न्योता मिला है।
ये सभी बातें हमें शादी के आयोजन में होने वाली छोटी-छोटी बातों का एक हास्यपूर्ण और दिलचस्प पहलू दिखाती हैं। हर शादी अपने आप में एक अनूठा अनुभव होती है, लेकिन कुछ चीजें हर बार एक जैसी होती हैं।